Operation Akhal: रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जब देश भाई-बहन के अटूट रिश्ते का जश्न मना रहा था, तब जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल इलाके में भारतीय सुरक्षा बल आतंकियों के खिलाफ “ऑपरेशन अखल” में मोर्चा संभाले हुए थे। बीती रात ऑपरेशन के दौरान हुई भीषण मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए, जबकि 10 जवान घायल हुए हैं। सेना ने अब तक एक आतंकी का शव बरामद किया है, वहीं कुल मिलाकर कई आतंकियों को ढेर किया जा चुका है।
नौ दिन से चल रहा ऑपरेशन
ऑपरेशन अखल को शुरू हुए 9 दिन हो चुके हैं। यह मुठभेड़ पिछले दशकों में सबसे लंबा आतंकवाद विरोधी अभियान बनती जा रही है। सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि अखल इलाके के घने जंगलों और पहाड़ियों में आतंकवादी गुफाओं में छिपे हुए हैं। इसी आधार पर इलाके में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया था, जो अब तक जारी है।
रक्षाबंधन की रात को बड़ा हमला
8 अगस्त की रात, जब देश रक्षाबंधन मना रहा था, उस समय आतंकियों ने गोलीबारी और विस्फोट से हमला किया। जवाब में भारतीय जवानों ने मोर्चा संभाला। इस मुठभेड़ में दो जवान वीरगति को प्राप्त हुए, और 10 घायल जवानों को इलाज के लिए सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सेना, SOG, CRPF और J&K पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
ऑपरेशन अखल को संयुक्त अभियान के तौर पर चलाया जा रहा है। इसमें भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG), सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं। चिनार कॉर्प्स लगातार इस ऑपरेशन की जानकारी सोशल मीडिया (एक्स) पर साझा कर रही है।
आतंकियों के खिलाफ व्यापक घेराबंदी
सेना ने पूरे अखल क्षेत्र की घेराबंदी और निगरानी बढ़ा दी है। ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और ग्राउंड इंटेलिजेंस की मदद से आतंकियों की हरकतों पर नजर रखी जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब भी 2 से 3 आतंकियों के छिपे होने की संभावना है।
LOC के पास भी तलाशी अभियान
सिर्फ कुलगाम ही नहीं, बल्कि एलओसी (LOC) से सटे इलाकों में भी सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान जारी है। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, अब तक दो आतंकियों को मार गिराया गया है, जिनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है।
ऑपरेशन अखल न सिर्फ आतंक के खिलाफ भारत की मुहिम का अहम हिस्सा है, बल्कि यह उस जज्बे का प्रतीक भी है जिसमें देश के जवान हर त्योहार, हर मौसम में देश की रक्षा के लिए सीमा पर डटे रहते हैं। रक्षाबंधन पर दो जवानों का शहीद होना पूरे देश के लिए भावुक क्षण है, लेकिन साथ ही यह आतंक के खिलाफ भारत के अडिग संकल्प का भी प्रतीक है।

