Uttarakhand: ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत उत्तराखंड पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चेतावनी देते हुए कहा कि कालनेमि बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।उत्तराखंड की धामी सरकार की ओर से चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत उत्तराखंड पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है।देहरादून पुलिस ने इस अभियान के तहत 82 ढोंगी बाबाओं की गिरफ्तारी की है।
उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि अभियान जारी
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि,कालनेमि बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर गुरवार को शुरू किए गए ‘कालनेमि’ अभियान के तहत पुलिस ने अनेक टीमें गठित की हैं।
राज्य के अलग-अलग जिलों में छापेमारी जारी
उन्होंने कहा कि,ऐसे विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है,जहां ढोंगी बाबाओं द्वारा धर्म की आड़ में लोगों की भावनाओं और आस्था से खिलवाड़ कर ठगी करने का प्रयास करने की सूचनाएं मिल रही हैं। ऑपरेशन कालनेमि के तहत पूरे उत्तराखंड में छापेमारी की जा रही है।
3 दिनों में 82 ढोंगी बाबाओं को किया गिरफ्तार
देहरादून में ऑपरेशन कालनेमि के तहत अलग-अलग थाना क्षेत्रों में घूम रहे साधु-महात्मा के वेशभूषा में 34 ढोंगी बाबा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।राज्य में अब तक चलाए गए इस अभियान के अंतर्गत देहरादून पुलिस 3 दिनों में 82 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार कर चुकी है।रामनगर में भी 3 संदिग्ध बाबाओं को हिरासत में लिया गया है जो स्थानीय लोगों को चकमा देकर ठगी करने की फिराक में थे।
CM धामी के निर्देश पर शुरु हुआ अभियान
आपको बता दें कि,देवभूमि उत्तराखंड में धर्म की आड़ में लोगों की भावनाओं और आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले फर्जी बाबाओं के खिलाफ ऑपरेशन कालनेमि चलाया जा रहा है।ऐसे ढोंगी बाबा जो साधु-महात्मा के वेश में लोगों के साथ ठगी को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं महिलाओं और युवाओं को भ्रमित कर उनका शोषण करते हैं ऐसे फर्जी बाबाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य में ऑपरेशन कालनेमि चलाया जा रहा है।
कौन था कालनेमि?
कालनेमि का जिक्र द्वापर युग में रामायण में मिलता है।रामायण में कालनेमि नामक एक मायावी राक्षस था जो मारीच का पुत्र था मारीच रावण का मामा था रिश्ते में कालनेमि रावण का भाई लगता था।रामायण में जब प्रभु श्रीराम का रावण के साथ युद्ध हुआ तो मेघनाद द्वारा छोड़े गए शक्तिबाण से भगवान लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे।इसके बाद उनकी जान बचाने के लिए हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने हिमालय पर्वत गए थे तभी रावण ने हनुमान जी को रोकने के लिए मायावी कालनेमि को भेजा था।
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