Operation Sindoor: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को वैश्विक स्तर पर मजबूती से पेश करने के लिए सात डेलिगेशन को अलग-अलग देशों में भेजा है। इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका समेत पांच देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा। उनका यह अभियान शांति के मिशन के रूप में देखा जा रहा है, जिसके तहत भारत विश्व को यह भरोसा दिलाएगा कि वह आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से लड़ रहा है।
सोशल मीडिया पर साझा किया वीडियो
शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा, “हम आतंकवाद से डरते नहीं हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे, बल्कि सच को सामने लाकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे। यह अभियान शांति की ओर बढ़ने का प्रयास है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि भारत आतंकवाद का सख्त विरोधी है।” उनका यह संदेश विश्व को आतंकवाद के खिलाफ भारत की अनथक लड़ाई से परिचित कराता है।
जापान में जेडीयू सांसद संजय कुमार झा का प्रतिनिधित्व
जेडीयू के सांसद संजय कुमार झा ने जापान में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा और शांति के लिए राजनीतिक मतभेद पीछे छूट जाते हैं। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को गंभीर बताया और बताया कि जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। इस हमले ने न केवल जान-माल का नुकसान किया है, बल्कि वहां की सामाजिक और आर्थिक स्थिरता को भी नुकसान पहुंचाया है।
संजय कुमार झा ने बताया ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
झा ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह कार्रवाई 22 अप्रैल को हुई थी और प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अप्रैल को बिहार में पहली बार इस पर बात की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर जवाबी कार्रवाई की है, जो आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदमों की मिसाल है।
रूस में DMK सांसद कनिमोझी का प्रतिनिधित्व
DMK सांसद कनिमोझी मॉस्को में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत-रूस के 80 वर्षों से चले आ रहे मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में रूस का समर्थन भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर जब देश ने हाल ही में पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष लोगों को खोया है। उनका मानना है कि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर भारत का समर्थन करना चाहिए।
वैश्विक स्तर पर सहयोग की उम्मीद
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा संघर्ष का समाधान शांति से करने की कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तान के आतंकवाद के प्रति नरम रुख के कारण ये प्रयास सफल नहीं हो पाए। उन्होंने रूस को भरोसा दिलाया कि भारत सरकार और उसके लोग आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ हैं और उम्मीद करते हैं कि विश्व समुदाय उनके इस संघर्ष में साथ देगा।
भारत के ये सात प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को विश्व स्तर पर मजबूत करने और शांति का संदेश फैलाने के लिए काम कर रहे हैं। इस मिशन के जरिए भारत यह साफ करना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ साहस और दृढ़ता के साथ लड़ाई लड़ रहा है और वैश्विक स्तर पर सहयोग की उम्मीद करता है।
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