Operation Sindoor: भारत ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों का बदला लेने के लिए अपनी सैन्य शक्ति का परिचय दिया है। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल अटैक किया और आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त कर दिया। इस हमले से भारत ने आतंकवादियों को करारा जवाब दिया है और न्याय की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाया है।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने दी प्रतिक्रिया
शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “जय हिन्द। पहलगाम आतंकी हमले में न्याय मिल गया। भारत माता की जय।” इस ट्वीट के माध्यम से संजय राउत ने भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना की और भारतीय सैनिकों की बहादुरी को सलाम किया।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के नेताओं ने लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से यह सवाल उठाया था कि पाकिस्तान को कब मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। संजय राउत का कहना था कि हमले के दो सप्ताह बाद भी पाकिस्तान से बदला लेने का इंतजार किया जा रहा था, लेकिन अब भारतीय सेना की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई ने इस इंतजार का अंत कर दिया है।
ऑपरेशन सिंदूर ने सभी सवालों का जवाब दे दिया
संजय राउत ने यह भी कहा कि जब पाकिस्तान पर हमला किया जाएगा, वह सरकार के समर्थन में खड़े होंगे, लेकिन इस दौरान यह महत्वपूर्ण है कि जम्मू कश्मीर की सुरक्षा में हुई चूक की आलोचना की जाए। उनका मानना है कि यह सवाल उठाना भी जरूरी था कि इतनी बड़ी सुरक्षा चूक कैसे हुई, लेकिन अब ऑपरेशन सिंदूर ने सभी सवालों का जवाब दे दिया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने भी भारतीय सेना की सराहना की
भारत की सेना की इस ऐतिहासिक कार्रवाई पर राजनीतिक दलों की भी प्रतिक्रिया आ रही है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे गौरवमयी और सराहनीय बताया। मायावती ने कहा, “पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने की भारतीय सेना की कार्रवाई एक गौरवमयी और सराहनीय कदम है, जो देश को गर्व महसूस कराता है।”
भारतीय सेना की कार्रवाई पर देशभर से सराहना
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना की सफल कार्रवाई ने देशभर में आंतरिक सुरक्षा को लेकर विश्वास बढ़ाया है। इस सैन्य कार्रवाई के बाद भारतीय जनता और राजनीतिक नेताओं ने सेना की इस कार्रवाई की जमकर सराहना की। सियासी हलकों में अब इसे एक ऐतिहासिक कदम और आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

