Pakistan Propaganda: ऑपरेशन सिंदूर में करारी हार के बावजूद पाकिस्तान की शीर्ष नेतृत्व अब भी हकीकत स्वीकार करने को तैयार नहीं है। पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक सुर में भारत पर हमला बोला और झूठे दावों के जरिए अपनी जनता को गुमराह करने की कोशिश की।
क्या बोले जरदारी?
रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, राष्ट्रपति जरदारी ने अपने भाषण में कहा, “भारत ने पाकिस्तान पर हमला करके गलत किया, लेकिन पाकिस्तान ने साहस और संयम के साथ इसका जवाब दिया।” उन्होंने दावा किया कि दुनिया अब जानती है कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन उसकी सैन्य ताकत और राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा के लिए वह पूरी तरह सक्षम है। जरदारी ने आगे कहा, “हम किसी दबाव में नहीं झुकते और न ही कभी झुकेंगे।”
ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान की झूठी कहानी
भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकियों का सफाया किया गया था। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान की आतंकी रणनीतियों को बेनकाब कर दिया और सीमापार आतंकी ढांचों को बड़ा नुकसान पहुंचाया। इसके जवाब में पाक सेना ने भारतीय शहरों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की, जिसे भारतीय वायुसेना और सेना ने समय रहते नाकाम कर दिया। इसके बावजूद, जरदारी ने दावा किया कि इस संघर्ष में पाक सेना ने “जीत” हासिल की। उन्होंने कहा, “भारत के साथ हुए संघर्ष ने हमें याद दिलाया कि हम सभी एकजुट हैं और हमारे लक्ष्य स्पष्ट हैं।”
कश्मीर पर पुराना राग
राष्ट्रपति जरदारी ने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा, “पाकिस्तान हमेशा कश्मीर के लोगों के साथ खड़ा रहेगा। उनके आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए हमारा कूटनीतिक, नैतिक और राजनीतिक समर्थन जारी रहेगा।” यह बयान एक बार फिर पाकिस्तान की रणनीतिक विफलताओं से ध्यान हटाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
हकीकत क्या है?
जहां पाकिस्तान अपनी “कथित जीत” का ढोल पीट रहा है, वहीं अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत के आत्मरक्षा में किए गए कदमों को जायज़ ठहराया है। ऑपरेशन सिंदूर में मिली सफलता को भारत ने संयमपूर्वक पेश किया, जबकि पाकिस्तान की प्रतिक्रिया झूठ, भ्रम और झूठे राष्ट्रवाद से भरी रही। पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की वास्तविकता को नकारना और अपनी जनता को झूठे दावों से बहलाना नई बात नहीं है। भारत ने जहां आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की, वहीं पाकिस्तान अब भी अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने में व्यस्त है।
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