UN Terrorism Debate: “ओसामा तुम्हारे देश में मारा गया था”,  संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद पर पाकिस्तान को इजरायल की दो टूक

Chandan Das
Israel

UN Terrorism Debate: संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर आतंकवाद को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। इस बार इजरायल और पाकिस्तान आमने-सामने आ गए। इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि डैनी डैनन ने आतंकवाद पर पाकिस्तान के “दोहरे रवैये” पर सीधा हमला करते हुए कहा, “ये सच्चाई कभी नहीं बदलेगी कि अल-कायदा का सरगना ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान की धरती पर मारा गया था।”

दोहा में हमास नेताओं पर हमले को लेकर पाकिस्तान की आलोचना

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इजरायल-हमास युद्ध को लेकर चर्चा हुई। पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने इस दौरान इजरायल द्वारा कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाने की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह हमला बिना किसी उकसावे के किया गया और यह क्षेत्रीय शांति को खतरे में डालने की कोशिश है। पाकिस्तान ने गाजा, सीरिया, ईरान, लेबनान और यमन में इजरायली सैन्य कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया।

9/11 की बरसी पर इजरायल का तीखा जवाब

बैठक का समय भी प्रतीकात्मक था 11 सितंबर, यानी 9/11 हमले की 24वीं बरसी। इस मौके पर डैनी डैनन ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई की याद दिलाते हुए पाकिस्तान को घेर लिया। उन्होंने कहा: “9/11 और 7 अक्टूबर (हमास का हमला) – दोनों में ही निर्दोष लोगों की नृशंस हत्या हुई। जिस तरह लादेन को बर्दाश्त नहीं किया गया, उसी तरह हमास के लिए भी कोई रियायत नहीं होगी।” उन्होंने यह भी पूछा कि जब अमेरिका ने पाकिस्तान की धरती पर लादेन को मारा, तब किसी ने यह सवाल नहीं किया कि एक विदेशी भूमि पर हमला क्यों हुआ। सवाल यह था कि एक वैश्विक आतंकवादी को पाकिस्तान ने क्यों पनाह दी?

भारत ने फिलिस्तीन के पक्ष में डाला वोट

इस बहस के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्यता देने के प्रस्ताव पर मतदान हुआ। 142 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया, जिनमें भारत भी शामिल रहा। इसके खिलाफ 10 देशों ने वोट दिया, जबकि 12 देश मतदान से दूर रहे। भारत की यह वोटिंग नीति उसके लंबे समय से चले आ रहे “दो-राज्य समाधान” के समर्थन को दर्शाती है, जिसमें इजरायल और फिलिस्तीन दोनों को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की बात की जाती है।

इजरायल और पाकिस्तान के बीच यह तीखी बहस सिर्फ मौखिक आरोप-प्रत्यारोप नहीं, बल्कि यह आतंकवाद पर वैश्विक दृष्टिकोण और दोहरे मापदंडों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। ओसामा बिन लादेन का पाकिस्तान में मारा जाना अब भी एक कड़वी सच्चाई है, जिसे इजरायल ने एक बार फिर दुनिया के सामने रखा। वहीं भारत का संतुलित रुख यह दर्शाता है कि वह शांति और स्थायित्व की दिशा में दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थक बना रहेगा।

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