Odisha Crime Stats: ओड़िशा में बीजेपी शासन के 14 महीनों में महिला अत्याचार के 37,000 से अधिक मामले, CM ने खुद किया खुलासा

Chandan Das
Odisha

Odisha Crime Stats: ओड़िशा में बीजेपी के शासन में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भारी वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री मोहन मंझी ने हाल ही में विधानसभा में यह आंकड़ा पेश किया कि पिछले 14 महीनों में महिलाओं के खिलाफ 37,611 अत्याचार के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें धोखाधड़ी, बलात्कार, यौन उत्पीड़न, अपहरण, और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को निर्वस्त्र करने जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।

बीजेपी शासन में महिला सुरक्षा को लेकर बढ़ते सवाल

ओड़िशा में बीजू जनता दल (बीजेडी) के नविन पटनायक के दौर में राज्य ने विकास की नई इबारत लिखी थी। लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद से महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की घटनाएं दोगुनी हो गई हैं।उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार की तरह ही ओड़िशा की स्थिति भी महिलाओं के लिए खतरनाक होती जा रही है।

आंकड़ों में क्या है खास?

मुकदमों की संख्या के मुताबिक, सबसे ज्यादा 9,181 मामले शील भंग (यौन शील्परति) के दर्ज हुए। महिलाओं के अपहरण के प्रयास के मामले 8,227 रहे। दहेज हत्या से जुड़ी शिकायतें 6,134, जबकि दहेज के लिए उत्पीड़न के मामले 5,464 दर्ज हुए। बलात्कार के 2,933 मामले, यौन उत्पीड़न के 1,278, और सार्वजनिक रूप से महिलाओं को निर्वस्त्र करने के 2,161 गंभीर आरोप सामने आए हैं। इस दौरान कुल 799 दोषियों को सजा दी गई है, जिसमें बलात्कार के लिए 426 दोषी शामिल हैं।

सरकार की पहल और जांच व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने बताया कि नाबालिगों के अत्याचारों के निवारण के लिए राज्य में 24 पीOCSO अदालतें स्थापित हैं। इसके अलावा, 29 जिलों में महिला अपराध की जांच के लिए विशेष जांच दल भी बनाए गए हैं। महिलाओं के लिए 112 हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया गया है, जिससे वे किसी भी खतरे की स्थिति में तुरंत मदद मांग सकती हैं। जब भी महिला अपराधों की गंभीर घटनाएं होती हैं, तो पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भी मामले की जांच करते हैं। यह निर्देश मुख्यमंत्री मोहन मंझी ने खुद दिए हैं ताकि महिलाओं की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

विपक्ष का दबाव और राज्य की प्रतिक्रिया

हाल ही में कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस ने विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर सवाल उठाए थे। इस पर मुख्यमंत्री ने विस्तृत आंकड़े प्रस्तुत करते हुए स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया। विपक्ष इस मुद्दे को भाजपा सरकार की नाकामी और महिलाओं की सुरक्षा में विफलता के रूप में पेश कर रहा है, वहीं सरकार ने जांच और न्याय प्रणाली को मजबूत करने का आश्वासन दिया है।

ओड़िशा में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की यह कड़वी हकीकत बताती है कि महिला सुरक्षा को लेकर तत्काल प्रभावी कदम उठाना आवश्यक है। 37,000 से अधिक मामलों में सजा के आंकड़े अभी भी कम हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं। सरकार को चाहिए कि वह महिला सुरक्षा के लिए और अधिक जागरूकता, सख्त कानून और तेजी से न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करे ताकि महिलाओं का विश्वास पुलिस और न्याय व्यवस्था पर बना रहे।

Read More  :  IRCTC Scam : IRCTC घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होने का आदेश

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version