Owaisi on Modi Remarks: बिहार के दरभंगा में इंडिया गठबंधन के एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां पर की गई अपमानजनक टिप्पणी ने देशभर में राजनीतिक हलचल मचा दी है। इस मामले पर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक आलोचना शालीनता की मर्यादाओं में रहकर होनी चाहिए।
“आलोचना करें, लेकिन मर्यादा न लांघें”
ओवैसी ने स्पष्ट कहा, “आप अपनी बात कहें, विरोध दर्ज करें, सरकार की नीतियों की आलोचना करें, लेकिन शालीनता की सीमा को पार करना ठीक नहीं है। अगर हम इस सीमा को पार करते हैं, तो हमारी राजनीति सिर्फ अश्लील और व्यक्तिगत आरोपों का मंच बन जाएगी। चाहे वो प्रधानमंत्री हों या कोई और, निजी हमलों की नकल करने की जरूरत नहीं है। लोकतंत्र में बहस की गरिमा होनी चाहिए।”
अमित शाह ने राहुल गांधी से की माफी की मांग
इस मामले को लेकर बीजेपी आक्रामक हो गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से, बल्कि उनकी दिवंगत मां और देश की जनता से भी माफी मांगनी चाहिए। शाह ने कहा, “पीएम मोदी की मां ने बेहद साधारण जीवन जिया और अपने बेटे को देश के लिए तैयार किया। इस तरह की अभद्र टिप्पणियां भारतीय संस्कृति और लोकतंत्र के खिलाफ हैं।”
अभद्र टिप्पणी करने वाला युवक गिरफ्तार
दरभंगा में प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि विपक्षी गठबंधन के मंच पर ऐसी भाषा को जानबूझकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। पार्टी का कहना है कि यह सिर्फ पीएम मोदी नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक ढांचे का अपमान है।
अमेरिकी टैरिफ पर भी बोले ओवैसी
इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “इस टैरिफ से भारत के निर्यात को जबरदस्त झटका लगेगा। मोटर पार्ट्स, ज्वैलरी और रेडिमेड कपड़ों जैसे क्षेत्रों में 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निर्यात प्रभावित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी, लेकिन उसके बाद हालात और बिगड़े हैं। अमेरिका, यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत पर परोक्ष रूप से दबाव बना रहा है।”
ओवैसी ने दिखाया संतुलन
इस पूरे घटनाक्रम में असदुद्दीन ओवैसी ने न सिर्फ आपत्तिजनक भाषा की निंदा की, बल्कि राजनीति में शिष्टाचार बनाए रखने की अपील भी की। उनके बयान से साफ है कि विरोध के स्वर तेज हो सकते हैं, लेकिन वे मर्यादा की लक्ष्मण रेखा पार नहीं करने चाहिए। साथ ही उन्होंने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर भी गंभीर चिंता जाहिर कर यह संकेत दिया कि देश के आर्थिक हित भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितने राजनीतिक मूल्य।
