Asaduddin Owaisi Statement: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर कथित जूता फेंकने की कोशिश को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि इस मामले में सरकार और पुलिस धार्मिक आधार पर पक्षपात कर रही है और आरोपी वकील राकेश किशोर के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है।
“अगर नाम असद होता तो अब तक उठा लिया गया होता”
ओवैसी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “अगर उसका नाम राकेश किशोर की जगह असद होता, तो अब तक पुलिस उठा चुकी होती। बीजेपी वाले कहते, ‘ये पाकिस्तान से आया है’, ‘आईएसआई एजेंट है’, ‘इसको तुरंत गिरफ्तार करो।’ लेकिन चूंकि आरोपी का नाम राकेश है, इसलिए मामला ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है।”उन्होंने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से भी यह वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने सीजेआई पर हमले की कोशिश को लेकर दोहरे रवैये का आरोप लगाया।
दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार पर पक्षपात के आरोप
ओवैसी ने सीधे तौर पर दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार पर धार्मिक पहचान के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब कोई मुस्लिम प्रदर्शन करता है या किसी मुद्दे पर असहमति जताता है, तो तुरंत देशद्रोह, आतंकवाद या पाकिस्तान से जोड़ दिया जाता है, लेकिन जब आरोपी हिंदू नाम वाला होता है, तो उसे “मानसिक रूप से परेशान” बताकर मामला शांत कर दिया जाता है।
बरेली घटना से की तुलना
ओवैसी ने इस कथित हमले की तुलना हाल ही में उत्तर प्रदेश के बरेली में हुए एक मामले से की। उन्होंने कहा, “जब मुस्लिम समुदाय ने ‘आई लव मोहम्मद’ वाले बैनर को हटाने के खिलाफ प्रदर्शन किया, तब यूपी पुलिस ने तुरंत और सख्त कार्रवाई की थी। वहीं, सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ वैसी कार्रवाई नहीं की गई।”
राकेश किशोर की शिकायत में बरेली का भी जिक्र
बताया जा रहा है कि आरोपी वकील राकेश किशोर ने अपनी शिकायत में बरेली की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और CJI को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर नीति पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। इससे नाराज होकर उसने कथित रूप से न्यायालय में जूता फेंकने की कोशिश की।
असदुद्दीन ओवैसी के बयान ने एक बार फिर देश में धार्मिक असमानता और सरकारी एजेंसियों के कामकाज को लेकर बहस छेड़ दी है। उन्होंने दोहराया कि कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए, चाहे आरोपी का नाम राकेश हो या असद। फिलहाल दिल्ली पुलिस ने इस घटना की जांच जारी रखने की बात कही है, लेकिन विपक्षी नेता इस मामले को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं।
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