Pacific Ocean Earthquake: सोमवार को उत्तरी प्रशांत महासागर में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बयान जारी किया। एनसीएस के अनुसार, यह भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिससे इसके बाद आने वाले झटकों की संभावना बनी रहती है। भूकंप का समय 12:53:18 IST था और इसका केंद्र अक्षांश 39.64 उत्तर और देशांतर 143.51 पूर्व पर स्थित था।
Pacific Ocean Earthquake: उथले भूकंप का खतरा ज्यादा
भूकंप की गहराई पर भी काफी ध्यान दिया जाता है, क्योंकि उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक हो सकते हैं। एनसीएस ने बताया कि पृथ्वी की सतह के पास आने पर ऊर्जा का उत्सर्जन अधिक होता है, जिससे जमीन का कंपन ज्यादा महसूस होता है और अधिक नुकसान होता है। गहरे भूकंपों में, जब वे सतह पर आते हैं तो उनकी ऊर्जा खो जाती है और उनका असर कम होता है। इसलिए, उथले भूकंपों को अधिक खतरनाक माना जाता है।
Pacific Ocean Earthquake: रिंग ऑफ फायर: भूकंपों का प्रमुख क्षेत्र
दुनिया में सबसे बड़े भूकंपों का प्रमुख कारण “रिंग ऑफ फायर” है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर स्थित एक भूकंपीय पट्टी है। यह क्षेत्र पृथ्वी की सबसे सक्रिय भूकंपीय बेल्ट मानी जाती है, जहां लगभग 81 प्रतिशत सबसे बड़े भूकंप होते हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, रिंग ऑफ फायर टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं के साथ स्थित है, जहां महासागरीय क्रस्ट की प्लेटें एक-दूसरे के नीचे धंसती हैं, जिससे भूकंप उत्पन्न होते हैं। इन अवक्षेपण क्षेत्रों में प्लेटों के खिसकने और दरार पड़ने के कारण भूकंप आते हैं।
प्रशांत अग्नि वलय में दुनिया के सबसे बड़े भूकंप
रिंग ऑफ फायर के भीतर कई भूकंप हुए हैं, जिनमें से कुछ दुनिया के सबसे बड़े भूकंप हैं। इनमें 1960 में चिली का 9.5 तीव्रता का भूकंप (वाल्डिविया भूकंप) और 1964 में अलास्का का 9.2 तीव्रता का भूकंप शामिल हैं। इन भूकंपों ने न केवल तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई, बल्कि समुद्र में सुनामी को भी जन्म दिया। यह क्षेत्र पृथ्वी के सबसे भूकंपीय सक्रिय क्षेत्रों में से एक है।प्रशांत अग्नि वलय लगभग 40,000 किलोमीटर (25,000 मील) लंबा और 500 किलोमीटर (310 मील) चौड़ा है, जो लगभग पूरे प्रशांत महासागर को घेरे हुए है। इस भूकंपीय पट्टी का वर्तमान स्वरूप सबडक्शन ज़ोन के विकास के परिणामस्वरूप बना है। इन क्षेत्रों में एक प्लेट दूसरे प्लेट के नीचे धंस जाती है, जिससे भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियाँ उत्पन्न होती हैं।
दुनिया में हर साल 5 लाख भूकंप
दुनिया में हर साल लगभग 5 लाख भूकंप आते हैं, जिनमें से 1,00,000 को महसूस किया जा सकता है। हालांकि, इनमें से अधिकांश भूकंप बहुत हल्के होते हैं और उनका प्रभाव कम होता है। फिर भी, रिंग ऑफ फायर के आसपास आने वाले भूकंप अधिक शक्तिशाली होते हैं और इनका असर लंबे समय तक महसूस किया जा सकता है।रिंग ऑफ फायर न केवल भूकंपों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह ज्वालामुखीय गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। यहां होने वाले भूकंप पृथ्वी की अंदरूनी संरचना में बदलाव का संकेत देते हैं। उत्तरी प्रशांत महासागर में हाल ही में आए 6.1 तीव्रता के भूकंप ने एक बार फिर इस क्षेत्र की भूकंपीय गतिविधियों को उजागर किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस क्षेत्र में आगे भी भूकंप आ सकते हैं, इसलिए इसके प्रभावी मानवीय और भूकंपीय अध्ययन की आवश्यकता है।
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