Padma Awards 2025: गुमनाम नायकों को मिला पद्म पुरस्कार, समाज में किया बदलाव

इस बार की सूची में फल किसान, कठपुतली कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षा, कला, विज्ञान, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का नाम शामिल है...

Shilpi Jaiswal

भारत सरकार ने 2025 के पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है, जिसमें कुल 30 गुमनाम नायक और नायिकाओं के नाम शामिल हैं। इस वर्ष पद्म पुरस्कारों में कुल 106 हस्तियों को सम्मानित किया गया है, जिनमें पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री की श्रेणियां शामिल हैं। इन पुरस्कारों के तहत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित किया जाता है। इस बार की सूची में फल किसान, कठपुतली कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षा, कला, विज्ञान, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का नाम शामिल है, जो समाज के प्रति अपनी सेवा में सच्चे नायक रहे हैं, लेकिन आमतौर पर वे गुमनाम रहे हैं।

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फल किसान का योगदान

इस वर्ष, फल उत्पादन क्षेत्र से जुड़ा एक खास नाम सामने आया है। भारत के एक छोटे से गांव में फल किसान के रूप में काम करने वाले एक व्यक्ति को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इस किसान ने अपने जीवनभर में जैविक खेती को बढ़ावा दिया है और किसानों के लिए न केवल फसल उत्पादन के नए तरीके अपनाए, बल्कि किसानों को प्रशिक्षण भी दिया। उनका यह कार्य आज देशभर में एक प्रेरणा बन चुका है। उनका उद्देश्य सिर्फ अपनी भूमि से अच्छा उत्पादन नहीं था, बल्कि किसानों के बीच नए तरीकों को अपनाने का संचार करना था, जिससे वे भी अपने जीवनस्तर को ऊंचा कर सकें।

कठपुतली कलाकार का अद्भुत योगदान

पद्मश्री से सम्मानित होने वाले एक और गुमनाम नायक का नाम कठपुतली कलाकार के रूप में सामने आया। यह कलाकार न केवल कठपुतली कला को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने इस पारंपरिक कला रूप को युवा पीढ़ी के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। उनका यह कार्य न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का है, बल्कि उन्होंने कठपुतली कला के माध्यम से समाज के विविध मुद्दों को उजागर करने का भी काम किया। आज, उनकी कला को न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी सराहा जा रहा है।

समाजसेवी और सामाजिक कार्यकर्ता

इस वर्ष के पद्म पुरस्कारों में कई समाजसेवी और सामाजिक कार्यकर्ताओं का नाम भी शामिल है, जिन्होंने असहाय और गरीबों के लिए निरंतर काम किया है। एक खास समाजसेवी का नाम सामने आया है, जिन्होंने अपनी जिंदगी का अधिकांश समय आदिवासी इलाकों में बिताया और वहां के लोगों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए। उनकी संस्था ने इन समुदायों के बीच जागरूकता फैलाने, महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने, और बच्चों को शिक्षा देने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया।

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शिक्षा के क्षेत्र में योगदान

पद्म पुरस्कारों में शिक्षा के क्षेत्र में भी कई गुमनाम नायकों का नाम सामने आया है, जिनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है। एक शिक्षिका, जो विशेष रूप से लड़कियों के शिक्षा के लिए काम कर रही थीं, उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों को शिक्षा देने का काम किया, बल्कि शिक्षा के प्रति एक सकारात्मक मानसिकता भी विकसित की। उन्होंने अपने काम के माध्यम से यह साबित किया कि शिक्षा ही समाज के विकास की कुंजी है।

संगीत और कला क्षेत्र के योगदान

पद्म पुरस्कारों में कई संगीतज्ञों और कलाकारों का नाम भी शामिल है, जिन्होंने अपनी कला के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और आगे बढ़ाने का काम किया है। एक प्रसिद्ध संगीतकार, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में अपनी अद्भुत पहचान बनाई, को पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। उनकी संगीत यात्रा ने भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और कई अन्य संगीतज्ञों को प्रेरित किया।

वैज्ञानिकों का योगदान

वैज्ञानिकों का योगदान हमेशा से देश की प्रगति के लिए अहम रहा है, और इस बार के पद्म पुरस्कारों में भी कुछ वैज्ञानिकों का नाम है, जिन्होंने अपने शोध और विकास कार्यों से देश के विज्ञान क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया है। इनमें से कुछ वैज्ञानिकों ने कृषि, स्वास्थ्य, और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण खोज की है, जो आने वाले समय में देश के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।

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स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई गुमनाम नायकों का योगदान इस बार के पद्म पुरस्कारों में शामिल किया गया है। एक डॉक्टर, जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य सेवाओं का प्रसार किया, को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनका मानना था कि स्वास्थ्य सेवाएं केवल शहरों तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि गांवों तक भी पहुंचनी चाहिए, जहां लोग प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहते हैं।

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