Pahalgam Terror Attack: अमेरिका ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को TRF को न केवल एक “विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO)” बल्कि “विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT)” के रूप में भी सूचीबद्ध कर दिया।अमेरिका का यह कदम उस समय सामने आया है जब TRF ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।
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TRF: लश्कर की नई पहचान और घातक रणनीति

TRF को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक छद्म शाखा माना जाता है, जिसे दुनिया भर में कुख्यात आतंकी हमलों के लिए जाना जाता है। TRF का पूरा नाम है The Resistance Front, जिसे आमतौर पर “कश्मीर रेजिस्टेंस” के रूप में प्रचारित किया जाता है। इसे लश्कर की नई पीढ़ी की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जो स्थानीय नामों और मुखौटों के सहारे अपने पुराने नेटवर्क को सक्रिय बनाए हुए है।अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, TRF का गठन विशेष रूप से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया है, ताकि लश्कर-ए-तैयबा पर लगाम की वैश्विक कोशिशों से बचा जा सके।
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2008 मुंबई हमले से लेकर पहलगाम नरसंहार तक
लश्कर-ए-तैयबा को भारत में किए गए कई बड़े आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जिनमें 26/11 मुंबई हमला प्रमुख है। इस हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे और यह तीन दिन तक चला था। पकड़े गए एकमात्र आतंकी अजमल कसाब ने लश्कर की भूमिका को स्वीकारा था।अब TRF, लश्कर का नया चेहरा बनकर काम कर रहा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले को TRF ने सोशल मीडिया के जरिए अंजाम देने की बात स्वीकार की, जिससे इस संगठन की गतिविधियों पर फिर से अंतरराष्ट्रीय निगाहें टिक गईं।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर असर
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया। भारत ने पाकिस्तान पर TRF और अन्य आतंकी संगठनों को पनाह देने का आरोप लगाया। इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सुरक्षा स्तर पर गंभीर वार्ताएं हुईं और सीमा पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई।
अमेरिका की कार्रवाई के मायने
अमेरिका द्वारा TRF को आतंकवादी संगठन घोषित करना भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है। इससे अब TRF के अंतरराष्ट्रीय लेनदेन, वित्तीय सहायता और वैश्विक स्तर पर समर्थन पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।अमेरिकी विदेश विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे संगठनों को पनाह देने वाले देशों को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा। यह पाकिस्तान के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि वह अपने यहां मौजूद आतंकी नेटवर्क पर लगाम लगाए।