Pahalgam Attack:पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार नागरिकों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। सरकार द्वारा लगातार सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिक सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए 7 मई को देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह मॉक ड्रिल खासतौर पर हमले की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।
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गृह मंत्रालय के निर्देश
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के दौरान कई अहम उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे नागरिकों को किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा सके। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस ड्रिल में विशेष ध्यान दिए जाने वाले बिंदुओं में से कुछ प्रमुख हैं…
एयर रेड वार्निंग सायरन
सबसे पहले, हमले की चेतावनी देने वाले एयर रेड वार्निंग सायरन को चालू किया जाएगा। इस सायरन का उद्देश्य नागरिकों को हमले के बारे में चेतावनी देना होगा ताकि वे जल्द से जल्द सुरक्षा की ओर बढ़ सकें। यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जिससे नागरिकों को हमले की स्थिति का आभास होगा।
नागरिकों और छात्रों की सिविल डिफेंस ट्रेनिंग
मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें यह बताया जाएगा कि किसी भी हमले की स्थिति में कैसे सुरक्षित रहें और खुद को बचाने के उपाय क्या हैं। यह प्रशिक्षण नागरिकों को हमलों से बचने के उपायों के बारे में जागरूक करेगा।
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क्रैश ब्लैक आउट के उपाय
हमले के दौरान क्रैश ब्लैक आउट की व्यवस्था की जाएगी। इसका मतलब है कि हमले के समय रोशनी बंद करने का उपाय अपनाया जाएगा, ताकि दुश्मन को कोई भी लक्षित स्थान पहचानने में परेशानी हो। यह एक सुरक्षा उपाय होगा, जिससे दुश्मन की गतिविधियों पर काबू पाया जा सके।
महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा
मॉक ड्रिल के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और स्थानों को जल्दी से छिपाने की व्यवस्था की जाए। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि महत्वपूर्ण सरकारी और निजी प्रतिष्ठान हमले के दौरान सुरक्षित रहें और उन्हें दुश्मन से बचाया जा सके।
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निकासी योजना (एवेकुएशन प्लान)
एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु के रूप में निकासी योजना पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसका उद्देश्य नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जल्दी और व्यवस्थित तरीके से पहुंचाना है। इस प्लान का अभ्यास कराया जाएगा, ताकि युद्ध या हमले की स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सके और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।