Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। सरकार ने अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद करने का निर्णय लिया है, साथ ही पाकिस्तान के साथ सिंधु जलसंधि को निलंबित कर दिया है। इसके अतिरिक्त, भारत ने पाकिस्तान के सभी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं और उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश भी दिया है। अब भारत पाकिस्तान के साथ व्यापार पर भी रोक लगाने की योजना बना रहा है।
भारत से पाकिस्तान को भेजे जाने वाले प्रमुख सामान
भारत से पाकिस्तान को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख सामानों में खाद्य सामग्री प्रमुख है। इनमें आलू, प्याज, लहसुन, दालें, चने, बासमती चावल, आम और केला जैसी मौसमी फल शामिल हैं। इसके अलावा, भारत पाकिस्तान को चाय, मसाले जैसे मिर्च, हल्दी, जीरा, और ऑर्गेनिक केमिकल्स, फार्मास्यूटिकल्स, चीनी और कन्फेक्शनरी भी निर्यात करता है। यदि पाकिस्तान के साथ व्यापार में रुकावट आती है, तो इसका सीधा असर इन सभी उत्पादों पर पड़ेगा, जो पाकिस्तान की दैनिक आवश्यकताओं का हिस्सा हैं।
पाकिस्तान से भारत आने वाले सामान
पाकिस्तान से भारत को आने वाले सामानों में सीमेंट, सेंधा नमक, मुल्तानी मिट्टी, कपास, लेदर, और कुछ मेडिकल डिवाइस शामिल हैं। इसके अलावा, पेशावरी चप्पल और लाहौरी कुर्ते भी पाकिस्तान से भारत मंगाए जाते हैं। यह सामान भारत में विशेष रूप से उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय हैं। यदि अटारी-वाघा बॉर्डर बंद रहता है, तो इन सामानों की आपूर्ति में भी खलल पड़ सकता है।
अटारी-वाघा बॉर्डर: व्यापार का अहम केंद्र
अटारी, जो अमृतसर से सिर्फ 28 किलोमीटर दूर स्थित है, भारत का पहला भूमि बंदरगाह (Land Port) है। यह बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार के लिए प्रमुख चेक पॉइंट है। इसके माध्यम से अफगानिस्तान से आयात और निर्यात होते रहे हैं। अटारी-वाघा बॉर्डर के माध्यम से व्यापार खासतौर पर कृषि उत्पादों और अन्य आवश्यक वस्त्रों का आदान-प्रदान होता है, जो दोनों देशों की आर्थिक स्थिति के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अटारी-वाघा कॉरिडोर में व्यापार का उतार-चढ़ाव
आपको बता दे कि, अटारी-वाघा कॉरिडोर पर पिछले कुछ वर्षों में व्यापार में उतार-चढ़ाव देखा गया है। 2017-18 और 2018-19 में व्यापार लगभग 4100-4300 करोड़ रुपये के बीच था। हालांकि, 2019-20 में यह घटकर 2772 करोड़ रुपये और 2020-21 में 2639 करोड़ रुपये रह गया। 2022-23 में व्यापार में और गिरावट आई और यह महज 2257.55 करोड़ रुपये रह गया। लेकिन 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार में फिर से वृद्धि हुई, जो 3886 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
वाघा बॉर्डर पर ट्रकों और यात्रियों की आवाजाही
2023-24 में अटारी-वाघा बॉर्डर पर कुल 6,871 ट्रकों की आवाजाही हुई और यात्रियों की संख्या 71,563 रही। इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि सीमा पार व्यापार और यात्रा में लगातार वृद्धि हो रही थी। यदि सीमा बंद रहती है, तो यह आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से दोनों देशों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए सख्त कदमों के बाद, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होना दोनों देशों के बीच व्यापार पर गहरा असर डाल सकता है। हालांकि, अब तक यह देखा जाएगा कि क्या सरकार अपनी नीति को और कड़ा करेगी या व्यापार और अन्य गतिविधियों को फिर से पटरी पर लाने के लिए कोई कदम उठाएगी।