Pahalgam Terror Attack:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम घाटी में मंगलवार को हुए भयानक आतंकवादी हमले के तुरंत बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ पांच बड़े कार्यकारी निर्णय लिए हैं। इस हमले में 26 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक में इन सभी निर्णयों को मंजूरी दी गई।
सिंधु जल पर रोक
पहला फैसला 1960 के सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का है। अब इस संधि के तहत भारत-पाकिस्तान जल प्रबंधन से जुड़ी किसी भी जानकारी का आदान‑प्रदान नहीं करेगा और न ही इस पर किसी बैठक में भाग लेगा। यह कदम तभी तक प्रभावी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के समर्थन को विश्वसनीय तरीके से समाप्त नहीं करता।
अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट
अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है। सरकार ने कहा है कि जिन व्यक्तियों के पास मान्य दस्तावेज़ हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले इस रूट से वापसी की सुविधा दी जाएगी, लेकिन उसके बाद इस सुविधा को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
पाकिस्तानियों का वीजा ठप
पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जारी सार्क वीज़ा छूट स्कीम (SVES) के तहत जारी वीज़ा रद्द माने जाएंगे। इसके अंतर्गत अभी भारत में स्थित सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
‘पर्सोना नॉन ग्रेटा’ की घोषणा
नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात आर्मी, नेवी और एयर फ़ोर्स सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्रेटा’ घोषित किया गया है। इन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा। इसके साथ ही पाकिस्तान में भारत के उच्चायोग में भी इन सैन्य सलाहकार पदों को समाप्त करके वापस बुलाया जा रहा है।
सपोर्ट स्टाफ़ की होगी वापसी
दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से धीरे-धीरे घटाकर केवल 30 कर दी जाएगी। यह प्रवर्तन भी 1 मई 2025 से प्रभावी होगा। इस निर्णय के तहत पांच सपोर्ट स्टाफ़ भी वापस बुलाए जाएंगे, ताकि उच्चायोगों में सैन्य वर्धित उपस्थिति को न्यूनतम किया जा सके।
पाकिस्तान की ओर से फैसले पर कड़ा विरोध
विदेश सचिव विक्रम मिश्र ने इन फैसलों की आधिकारिक घोषणा की और कहा कि ये उपाय तब तक लागू रहेंगे जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पोषित करना बंद नहीं कर देता। पाकिस्तान की ओर से तत्काल इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया गया है। पाकिस्तान तहरीक‑ए‑इन्साफ़ (PTI) के नेता और पूर्व सूचना मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने इसे “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” करार दिया। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने गुरुवार सुबह नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक बुलाई है, जो संभवतः इन भारतीय कदमों का जवाब तय करेगी।

