Pakistan Afghanistan Ceasefire: पाक-अफगान सीमा संघर्ष खत्म, दोहा में तुर्की की मध्यस्थता में युद्धविराम समझौता

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी सीमा संघर्ष ने एक नए मोड़ पर आकर दोहा में हुए वार्ताओं के बाद विराम लिया है। कतर और तुर्की की मध्यस्थता में आयोजित शांति वार्ता में दोनों पक्षों ने तत्काल युद्धविराम पर सहमति दी है और एक समग्र रूप से शांतिपूर्ण व्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ने का रोडमैप तय किया है।

Chandan Das
Afghanistan

Pakistan Afghanistan Ceasefire: एक सप्ताह से जारी भीषण सीमा संघर्ष को समाप्त करते हुए पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने युद्धविराम पर सहमति जताई है। यह अहम फैसला कतर की राजधानी दोहा में तुर्की की मध्यस्थता में हुई उच्च स्तरीय बातचीत के दौरान लिया गया। कतर के विदेश मंत्रालय ने तड़के इस युद्धविराम की आधिकारिक घोषणा की।

2021 के बाद सबसे खराब सीमा टकराव

यह संघर्ष 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच सबसे गंभीर टकराव था। इस हिंसक टकराव में दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। तनाव का मूल कारण पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमापार आतंकवाद को लेकर आरोप-प्रत्यारोप रहे।दोनों देशों ने इस तनाव को कम करने के लिए दोहा में वार्ता की। अफगान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब ने किया, जबकि पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने तालिबान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की कमान संभाली।

पाकिस्तान का मुख्य आरोप: सीमा पार आतंकवाद

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बताया कि बातचीत का मुख्य फोकस अफगानिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने और सीमा पर शांति बहाल करने के तत्काल उपायों पर था। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान के भीतर से आतंकवादी समूह पाकिस्तान में हमले कर रहे हैं और सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं। इस्लामाबाद चाहता है कि काबुल इन आतंकवादियों पर नियंत्रण करे।तालिबान सरकार ने पाकिस्तान के आतंकवादियों को पनाह देने के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। तालिबान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान को अस्थिर करने के लिए गलत सूचना फैला रहा है और इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसे चरमपंथी समूहों का समर्थन कर रहा है। पाकिस्तान ने भी इन आरोपों का पुरजोर खंडन किया है।

युद्धविराम समझौता: तनाव कम करने की बड़ी पहल

दोनों देशों के बीच सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव के बीच यह युद्धविराम एक बड़ी राहत माना जा रहा है। कतर और तुर्की की मध्यस्थता ने फिलहाल इस खूनी संघर्ष पर विराम लगाते हुए दोनों पक्षों को बातचीत के रास्ते पर वापस ला दिया है। हालांकि, सीमा पार आतंकवाद और अस्थिरता जैसे जटिल मुद्दों का स्थायी समाधान निकालना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है।यह समझौता दोनों देशों के लिए शांति स्थापित करने और आपसी मतभेदों को संवाद के माध्यम से सुलझाने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। आने वाले समय में इन विवादित मुद्दों पर और भी गंभीर और विस्तृत बातचीत की उम्मीद है ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास सुनिश्चित किया जा सके।

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