Pakistan Artificial Island: पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड (PPL) ने समुद्र में एक आर्टिफिशियल आइलैंड बनाने का महत्वाकांक्षी कदम उठाया है, जिसका उद्देश्य तेल और गैस की खोज को तेज करना है। यह आइलैंड सिंध के तट से लगभग 30 किलोमीटर दूर सुजावल के पास निर्माणाधीन है, जो कराची से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। PPL के जनरल मैनेजर अर्शद पालेकर के मुताबिक, इस आइलैंड की ऊंचाई छह फीट रखी जा रही है ताकि समुद्र की ऊंची लहरें ड्रिलिंग गतिविधियों में रुकावट न डालें।
Pakistan Artificial Island: आर्टिफिशियल आइलैंड का निर्माण और तेल ड्रिलिंग की योजना
इस आर्टिफिशियल आइलैंड का निर्माण अगले साल फरवरी तक पूरा होने की उम्मीद है। आइलैंड तैयार होते ही, PPL तेल की ड्रिलिंग शुरू करने की योजना बना रहा है। इस परियोजना के तहत 25 कुएं खोदने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में, पाकिस्तान भारत के तेल उत्पादन क्षमता के मुकाबले बहुत कम उत्पादन करता है और दुनिया के तेल भंडारों में 50वें स्थान पर है। पाकिस्तान की 80% से ज्यादा तेल की खपत आयात से पूरी होती है।
Pakistan Artificial Island: समुद्र में आर्टिफिशियल आइलैंड बनाने का नया तरीका
यह पाकिस्तान के लिए समुद्र में आर्टिफिशियल आइलैंड बनाने का पहला बड़ा प्रयास है। हालांकि, दुनिया के कई देशों में यह तरीका पहले से अपनाया जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी आर्टिफिशियल आइलैंड बनाकर अपनी तेल उत्पादन क्षमता में इजाफा किया है। इस प्रकार के आइलैंडों का फायदा यह होता है कि कर्मचारी उसी आइलैंड पर रह सकते हैं, जिससे यात्रा की लागत और समय में कमी आती है, जिससे कार्य की गति तेज होती है।
आर्टिफिशियल आइलैंड का उपयोग
अमेरिका, ब्रिटेन और मध्य पूर्व के देशों ने भी आर्टिफिशियल आइलैंडों का निर्माण विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया है। जापान ने 1900 के दशक की शुरुआत से अब तक लगभग 50 आर्टिफिशियल आइलैंड बनाए हैं। चीन ने भी इस प्रकार के आइलैंड बनाए हैं, जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं, जैसे कि तेल और गैस का उत्खनन, शोध कार्य और अन्य औद्योगिक गतिविधियाँ।
पाकिस्तान के लिए मुख्य चुनौतियां
हालांकि पाकिस्तान ने आर्टिफिशियल आइलैंड बनाने का निर्णय लिया है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पाकिस्तान के पास अभी तक बड़े तेल भंडार होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। 2019 में कराची के पास की गई Kekra-1 नामक ड्रिलिंग असफल रही थी, और इसके बाद अमेरिकी कंपनी Exxon Mobil ने पाकिस्तान से बाहर निकलने का निर्णय लिया था। इसके अलावा, हाल के वर्षों में अन्य प्रमुख कंपनियों जैसे कि Kuwait Petroleum, Shell, और TotalEnergies ने भी पाकिस्तान छोड़ दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद बढ़ी उम्मीदें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि पाकिस्तान और अमेरिका मिलकर पाकिस्तान के विशाल तेल भंडारों को विकसित करेंगे और भारत भविष्य में पाकिस्तान से तेल खरीद सकता है। इसके बाद पाकिस्तान ने कई कंपनियों को नए ऑफशोर लाइसेंस जारी किए हैं, जिनमें PPL भी शामिल है। ट्रंप के बयान के बाद, पाकिस्तान में तेल की खोज को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान को कितनी मात्रा में तेल मिलेगा।
आइलैंड का निर्माण और उसकी उपयोगिता पर सवाल
नया आइलैंड इंडस बेसिन के पास बनाया जा रहा है, जो भारत के बॉम्बे हाई क्षेत्र के पास स्थित है। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में तेल मिल सकता है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह तेल उत्खनन के लिए पर्याप्त और उपयोगी मात्रा में होगा। सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस परियोजना का मजाक भी उड़ा रहे हैं, एक व्यक्ति ने लिखा कि ट्रंप के बयान के बाद पूरा देश समुद्र में आइलैंड बनाने लग गया है, लेकिन अगर तेल नहीं मिला, तो यह सिर्फ एक महंगा रेत का ढेर बन जाएगा।
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