Pakistan India News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद वैश्विक राजनीति में नए समीकरण बनने लगे हैं। इस कदम के बाद भारत, अमेरिका, चीन और अन्य देशों के बीच राजनयिक समीकरणों में खलबली मच गई है। वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान जो पहले खुद को इस समीकरण से बाहर महसूस कर रहा था, अब अमेरिका को खुश करने और भारत के साथ वार्ता की कोशिशों में जुट गया है।
इशाक डार का पलटा रुख

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक बार फिर भारत से बातचीत की अपील की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ “सम्मानजनक कंपोजिट डायलॉग” शुरू करने को तैयार है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में उन्होंने भारत पर हमला बोलते हुए कहा था कि पाक सेना ने भारत से जंग में अपनी ताकत दिखा दी थी।
इशाक डार का यह बदला हुआ स्वर यह दर्शाता है कि पाकिस्तान एक बार फिर खुद को वैश्विक मंच पर प्रासंगिक दिखाने की कोशिश कर रहा है, जबकि भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि बातचीत केवल आतंकवाद और पीओके के मुद्दे पर ही होगी।
सीजफायर को लेकर अमेरिका से मध्यस्थता की बात से पलटे डार
पाक विदेश मंत्री डार पहले यह कह चुके थे कि भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने सीजफायर की अपील की थी, और युद्ध की स्थिति से बचने के लिए अमेरिका या किसी तीसरे पक्ष से मध्यस्थता की गुजारिश की गई थी। लेकिन अब वह इस बात से पलट गए हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने कभी कोई मध्यस्थता नहीं मांगी और अमेरिका की दखल की बात झूठी है।
डार का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों के बिल्कुल उलट है, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत-पाक के बीच परमाणु युद्ध को बातचीत के जरिए टाला। ट्रंप ने यहां तक कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इतना बढ़ गया था कि परमाणु युद्ध कभी भी शुरू हो सकता था, लेकिन उनकी ट्रेड डील की कूटनीति ने युद्ध को रोका।
पाकिस्तान की दोहरी रणनीति
इशाक डार ने बातचीत की अपील करते हुए भी पाकिस्तान की सैन्य ताकत की डींगें हांकने से परहेज नहीं किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जमीन और आसमान दोनों जगह युद्ध लड़ने की क्षमता रखता है और किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन उनका यह बयान उनके ही पहले दिए गए बयान से मेल नहीं खाता, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि भारतीय हमले के बाद पाकिस्तान को नुकसान झेलना पड़ा और उन्हें खुद ही सीजफायर की पहल करनी पड़ी।
पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सवाल
इशाक डार के बार-बार बदलते बयानों ने पाकिस्तान की राजनयिक विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। एक ओर वह अमेरिका को खुश करने के लिए भारत से बातचीत की गुजारिश करते हैं, दूसरी ओर सेना की ताकत का दिखावा करके आक्रामक रुख अपनाते हैं।
भारत स्पष्ट कर चुका है कि पाकिस्तान से किसी भी तरह की बातचीत तब तक संभव नहीं, जब तक वह आतंकवाद पर कार्रवाई नहीं करता और पीओके को लेकर गंभीर नहीं होता। ऐसे में पाकिस्तान की इस दोहरी रणनीति से ना तो भारत प्रभावित होगा, और ना ही अमेरिका की नजर में उसकी स्थिति मजबूत हो सकेगी।

