Mohan Bhagwat on Pakistan Indian Conflict:भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव और ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भारत सरकार और सैन्य बलों के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्रवाई न केवल न्याय के लिए जरूरी थी, बल्कि इसने पूरे देश का मनोबल भी ऊंचा किया है।
“ऑपरेशन सिंदूर ने देश के स्वाभिमान को नई ऊंचाई दी”
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किए गए अपने संदेश में मोहन भागवत ने लिखा, “ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारत सरकार और सैन्य बलों का हार्दिक अभिनंदन। हिंदू यात्रियों की नृशंस हत्या के बाद जो कड़ा कदम उठाया गया है, वह न केवल पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में है, बल्कि इसने पूरे राष्ट्र के आत्मसम्मान और साहस को नया जीवन दिया है।”भागवत ने पाकिस्तान द्वारा भारतीय सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ये हमले न केवल सैन्य संघर्ष को भड़काते हैं, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करते हैं।
“राष्ट्र विरोधी शक्तियों से सतर्क रहने की ज़रूरत”
अपने संदेश में उन्होंने समस्त देशवासियों से अपील की कि वे प्रशासन द्वारा दी जा रही सूचनाओं का पूरी तरह पालन करें और अफवाहों से बचें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह समय एकता और संयम का है। “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी राष्ट्र विरोधी ताकत हमारी सामाजिक समरसता और एकता को नुकसान न पहुंचा सके,”।
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सेना और प्रशासन को सहयोग देने की अपील
मोहन भागवत ने कहा कि देश की जनता को इस कठिन घड़ी में सेना और नागरी प्रशासन के हर प्रयास में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने लिखा, “जहां आवश्यकता हो, वहां हर संभव सहायता देने के लिए तत्पर रहें और देश की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के लिए प्रतिबद्ध रहें।”
राष्ट्रीय स्वाभिमान और जिम्मेदारी का समय
RSS द्वारा जारी बयान में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में ऑपरेशन सिंदूर को निर्णायक कदम बताया गया है। इस कार्रवाई के जरिए भारत ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि वह आतंकवाद को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगा।मोहन भागवत के इस बयान को न सिर्फ एक संगठन प्रमुख की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है, बल्कि यह पूरे देश को एकजुट होकर खड़े होने की अपील भी है।