Pakistan Terror Attack: पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार सुबह अर्धसैनिक बल (फेडरल कॉन्स्टेबलरी – FC) के मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले ने पूरे इलाके को दहला दिया। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। घटना में तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई, जबकि जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकवादी मार गिराए गए।
Trump Mamdani Meeting: ट्रंप-ममदानी मुलाकात,कैसे दुश्मनी से संवाद की दिशा में बड़ा कदम?
सुबह हुआ हमला

रिपोर्ट के अनुसार, पेशावर के सुनहरी मस्जिद रोड पर स्थित FC मुख्यालय पर सोमवार सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर हमला हुआ। हमलावरों ने पहले दो जोरदार धमाके किए और फिर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। अचानक हुए इस हमले से इलाके में अफरातफरी मच गई।
पुलिस और सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई
फायरिंग की आवाज सुनते ही पुलिस और सुरक्षा बल तुरंत मौके पर पहुंचे और पूरे इलाके को घेर लिया। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि मुख्यालय के गेट पर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया। इसके बाद अन्य हमलावरों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकवादी ढेर कर दिए गए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई स्थानीय लोगों ने लिखा कि उन्होंने धमाकों की तेज आवाज सुनी और इलाके में धुएं का गुबार देखा।
सुरक्षाकर्मियों की शहादत
हमले में तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि हमलावरों का मकसद मुख्यालय को भारी नुकसान पहुंचाना था, लेकिन सुरक्षाबलों की त्वरित कार्रवाई से बड़ा नुकसान टल गया।
खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बढ़ती आतंकी घटनाएं
पाकिस्तान में हाल के वर्षों में खैबर पख्तूनख्वा (KP) और बलूचिस्तान में आतंकी घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। नवंबर 2022 में TTP ने सरकार के साथ शांति समझौता खत्म कर दिया था।इसके बाद से संगठन ने सुरक्षा बलों, पुलिस और सरकारी अधिकारियों पर हमलों की जिम्मेदारी लेना शुरू कर दिया। सितंबर 2025 में खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू जिले में FC मुख्यालय पर हुए हमले को सुरक्षा बलों ने नाकाम किया था। उस घटना में छह सैनिक शहीद हुए थे और पांच आतंकवादी मार गिराए गए थे।
आतंकवाद पर बढ़ती चिंता
पेशावर का यह हमला पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि TTP की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं और यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों पर लगातार हो रहे हमले सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं।
