Pakistan Water Crisis:भारत और पाकिस्तान के बीच जल विवाद केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि मानवीय संकट का रूप ले चुका है। पाकिस्तान में जल संकट के कारण कृषि उत्पादन प्रभावित हो रहा है, जिससे खाद्य सुरक्षा पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में आगामी खरीफ (गर्मी) फसल की बुआई संकट में है, क्योंकि भारत ने चिनाब नदी का पानी रोकने की कार्रवाई की है। इससे पाकिस्तान के प्रमुख बांधों—झेलम नदी पर मंगला और सिंधु नदी पर तरबेला—में पानी का स्तर अत्यधिक घट गया है। इस स्थिति का मुख्य कारण भारत द्वारा चिनाब नदी के पानी के बहाव को नियंत्रित करना है, जो पाकिस्तान के लिए गंभीर संकट उत्पन्न कर रहा है।
भारत की कार्रवाई
भारत ने चिनाब नदी के पानी के बहाव को नियंत्रित करने के लिए बैगलीहार और सलाल बांधों के गेट बंद कर दिए हैं। यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठाया गया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और जल आपूर्ति में कटौती की। इससे पाकिस्तान के सिंधु जल संधि के तहत मिलने वाले पानी में कमी आई है, जिससे कृषि संकट गहरा गया है।
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पाकिस्तान में जल संकट
पाकिस्तान की सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (IRSA) के अनुसार, चिनाब नदी से पानी की आपूर्ति में 21% की कमी आई है। इसके कारण मंगला और तरबेला बांधों में पानी का स्तर 50% से भी कम रह गया है। यह दोनों बांध पंजाब और सिंध प्रांतों में सिंचाई और पनबिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस पानी की कमी से खरीफ फसलों की बुआई में देरी हो रही है, जिससे खाद्य सुरक्षा पर संकट मंडरा रहा है।
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पाकिस्तान की चिंता
भारत ने जल आपूर्ति में कटौती के साथ-साथ जलाशयों से संबंधित डेटा साझा करना भी बंद कर दिया है। इससे पाकिस्तान की स्थिति और भी जटिल हो गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की योजना बनाई है। उन्होंने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले पर चिंता व्यक्त की है।

