AIM-120 Missile Pakistan: पाकिस्तान को AIM-120 अमेरिकी मिसाइलें मिलने की चर्चा को भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान को कोई नई उन्नत मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (AMRAAM) नहीं दी जाएंगी।
अमेरिका ने खारिज की रिपोर्टें
अमेरिकी दूतावास ने शुक्रवार को उन खबरों को झूठा करार दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि हाल ही में संशोधित विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंध (FMS) के तहत पाकिस्तान को नई AIM-120 मिसाइलें उपलब्ध कराई जाएंगी। दूतावास ने स्पष्ट किया कि यह अनुबंध केवल रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स सपोर्ट के लिए संशोधित हुआ है, जिसमें नई मिसाइलों की कोई डिलीवरी शामिल नहीं है।
अनुबंध का असली मकसद
30 सितंबर को अमेरिका ने कई देशों के लिए विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंधों में संशोधन किया था, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल था। इस संशोधन को लेकर मीडिया और विश्लेषकों में चर्चा शुरू हो गई कि अमेरिका पाकिस्तान को उन्नत मिसाइलें देने की योजना बना रहा है।
हालांकि, अमेरिका ने तुरंत स्पष्ट किया कि इस समझौते का मकसद केवल मौजूदा हथियारों की रखरखाव सेवाएं और स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति को सुनिश्चित करना है, न कि नए हथियारों की डिलीवरी।
AMRAAM मिसाइल क्या है?
AIM-120 AMRAAM एक अत्याधुनिक मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसे मुख्यतः लड़ाकू विमानों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। यह मिसाइल अपने सटीक निशाने और फुर्तीली गति के लिए जानी जाती है और कई देशों की वायुसेना में इसका इस्तेमाल होता है।पाकिस्तान को इस मिसाइल की डिलीवरी की अफवाह ने क्षेत्रीय सुरक्षा के समीकरणों को और जटिल बना दिया था, खासकर भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव को देखते हुए।
भारत की सुरक्षा को लेकर असर
अमेरिका के इस स्पष्टीकरण से भारत को बड़ी राहत मिली है क्योंकि भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षा मसला था। यदि पाकिस्तान को AIM-120 मिसाइलें मिलतीं, तो यह भारत की वायु सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकती थीं।
अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में संशोधन
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच सुरक्षा संबंध लंबे समय से उतार-चढ़ाव से गुजर रहे हैं। अमेरिका की यह कदम दरअसल पाकिस्तानी सेना के मौजूदा हथियारों की मेंटेनेंस को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।
अमेरिका लगातार यह सुनिश्चित कर रहा है कि अपने सहयोगियों को उन्नत हथियार उपलब्ध कराने में सावधानी बरती जाए ताकि क्षेत्रीय स्थिरता बनी रहे।अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को AIM-120 मिसाइलें न देने की पुष्टि ने अफवाहों को शांत कर दिया है। यह कदम दक्षिण एशिया के सुरक्षा परिदृश्य को स्थिर रखने में मदद करेगा।यह स्पष्ट हो गया है कि जो समझौता हुआ है वह केवल रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति के लिए है, न कि नई मिसाइलों की डिलीवरी के लिए।
