Pandit Dhirendra Krishna Shastri: सीकर जिले के रैवासा धाम में आयोजित नौ दिवसीय ‘सियपिय मिलन महोत्सव’ में बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने संतों और श्रद्धालुओं को संबोधित किया. उन्होंने राजस्थान को वीरों, महावीरों और रघुवीरों की पवित्र भूमि बताते हुए कहा कि हिंदू राष्ट्र का झंडा अगर कहीं फहरेगा, तो पहला स्थान राजस्थान का होगा.
Read More: Bihar चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज;BJP नेता ने साधा निशाना,राहुल-तेजस्वी को बताया ‘जोकर’
गो-माता पदयात्रा की घोषणा
बताते चले कि, धीरेंद्र शास्त्री ने रैवासा धाम को तीर्थ स्थल का दर्जा दिलाने की मांग की. उन्होंने गो-माता को राष्ट्र माता बनाने और गोवध पर प्रतिबंध लगाने के लिए 7 से 16 नवंबर तक पदयात्रा निकालने की घोषणा भी की.
राजस्थान की वीरता और धार्मिक परंपरा पर दिया जोर
धीरेंद्र शास्त्री ने रैवासा धाम को किशोरी जी और जानकी जी की पवित्र भूमि बताया. उन्होंने कहा कि इतने संतों का दर्शन दुर्लभ होता है. राजस्थान को वीरों की धरती बताते हुए उन्होंने महाराणा प्रताप के युग के रामप्रसाद हाथी का उदाहरण दिया, जो दुश्मनों के कब्जे में रहते हुए भी उनके खाने-पानी को नहीं छूता था.
त्रिवेणी राजस्थान – वीर, महावीर और रघुवीर की भूमि
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि राजस्थान केवल लोगों की नहीं, बल्कि यहां के हाथियों और घोड़ों की भी कट्टर हिंदू परंपरा है. सालासर और मेहंदीपुर बालाजी जैसे मंदिरों के कारण राजस्थान महावीर की भूमि है। रैवासा धाम ने इसे रघुवीर की भूमि भी बना दिया। उन्होंने कहा कि यह त्रिवेणी राजस्थान को अद्वितीय बनाती है.
हिंदू राष्ट्र निर्माण और गो-माता की रक्षा का आह्वान
उन्होंने हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प दोहराया और कहा कि गो-माता की रक्षा के बिना हिंदू राष्ट्र का सपना अधूरा है। युगांडा के उदाहरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वहां कन्यादान में गाय दी जाती है और यह व्यक्ति की समृद्धि का प्रतीक है.
राष्ट्रवाद और सुरक्षा पर दिया जोर
पाकिस्तान पर तंज कसते हुए शास्त्री ने कहा कि अब छेड़ोगे तो छोड़ा नहीं जाएगा। कश्मीर तो लेंगे ही, दहेज में पाकिस्तान भी उठा लेंगे। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए राष्ट्रवाद और संत परंपरा पर जोर दिया।
धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुओं की सुरक्षा पर चिंता जताई और कहा कि हर व्यक्ति को हिंदू राष्ट्र के लिए रोजाना एक घंटा समर्पित करना चाहिए। उन्होंने जातिवाद छोड़कर राष्ट्रवाद, वेद परंपरा और गो-सेवा को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र तभी बनेगा जब हिंदू एकजुट होंगे और गो-माता की रक्षा करेंगे।

