Parliament Monsoon Session:21 जुलाई 2025 से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ, लेकिन पहले ही दिन लोकसभा में हंगामे का माहौल बन गया। जैसे ही प्रश्नकाल की प्रक्रिया शुरू हुई, विपक्षी सांसद बेल में आकर पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर तत्काल चर्चा की मांग करने लगे। नारेबाजी करते हुए सांसदों की भीड़ ने सदन में अनुशासन की मर्यादा को तोड़ दिया, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भड़क गए।
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स्पीकर की सख्त टिप्पणी

हंगामे को देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा,”सदन में इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। यह नारेबाजी की जगह नहीं है। प्रश्नकाल के बाद सरकार सभी मुद्दों पर जवाब देगी। कृपया अपनी-अपनी सीटों पर लौटें।”उन्होंने यह भी कहा कि संसद नियमों के तहत चलती है, और सत्र के पहले ही दिन ऐसा रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके बाद उन्होंने लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
पहले दिन से हंगामा ठीक नहीं – ओम बिरला
ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को चेताते हुए कहा कि संसदीय मर्यादा बनाए रखना सभी का दायित्व है। संसद कोई प्रदर्शन स्थल नहीं है बल्कि यह बहस, चर्चा और नीतिगत निर्णयों का मंच है।
उन्होंने कहा,“पहले ही दिन हंगामा करना गलत परंपरा की शुरुआत है। जनता हमसे काम की अपेक्षा करती है, न कि नारेबाजी की।”
पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग ने बढ़ाया तनाव
विपक्ष की मांग थी कि सरकार पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर स्पष्टीकरण दे। विपक्ष इस मुद्दे को प्रश्नकाल से पहले ही उठाना चाहता था, लेकिन स्पीकर का कहना था कि नियमों के तहत प्रश्नकाल पहले होगा और उसके बाद चर्चा की अनुमति दी जा सकती है।
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दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू

- संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही निर्धारित समय पर शुरू हुई।
- राज्यसभा में नए सदस्यों ने शपथ ली।
- लोकसभा में कार्यवाही की शुरुआत पूर्व सांसदों के निधन पर शोक प्रकट कर की गई।
- पहलगाम आतंकी हमले और अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसे में मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी गई।
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सरकार ने किए थे 15 बिल लाने के संकेत
संसद सत्र से एक दिन पहले 20 जुलाई को हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने बताया था कि इस मानसून सत्र में वह 15 महत्वपूर्ण विधेयक सदन में लाने की योजना बना रही है। साथ ही, यह आश्वासन भी दिया गया कि विपक्ष के हर सवाल का उत्तर नियमों के अनुसार दिया जाएगा।
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विपक्ष की आक्रामक शुरुआत
मानसून सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में जिस तरह से विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया, उससे साफ है कि यह सत्र राजनीतिक रूप से बेहद गर्म रहने वाला है। पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अन्य राष्ट्रीय मुद्दे केंद्र में रहेंगे। हालांकि, स्पीकर की सख्ती यह संकेत दे चुकी है कि संसदीय मर्यादा बनाए रखना अनिवार्य होगा।