Parliament Winter Session 2024: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, लेकिन इससे पहले केंद्र सरकार ने रविवार को सभी दलों को एक साथ बैठाने का प्रयास किया। संसद को सुचारू रूप से चलाने के उद्देश्य से आयोजित इस सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने अपने तेवर स्पष्ट कर दिए। कांग्रेस ने अदाणी समूह (Adani Group) के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग की, जिससे यह साफ है कि सत्र के दौरान विपक्ष हमलावर रुख अपनाएगा। सर्वदलीय बैठक में 26 नवंबर को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में संविधान के 75वीं वर्षगांठ पर होने वाले कार्यक्रम पर भी चर्चा की गई। यह कार्यक्रम संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा।
हंगामेदार सत्र के है आसार

सर्वदलीय बैठक का नेतृत्व संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने किया। इसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना, बीजद समेत अन्य प्रमुख पार्टियों के नेता शामिल हुए। सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। मणिपुर हिंसा (Manipur violence), वक्फ संशोधन विधेयक (Wakf Amendment Bill) और अदाणी समूह पर लगे आरोपों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अदाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग की है।
विपक्ष का अदाणी पर हमला, सरकार के लिए बन सकती है चुनौती
गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोपों ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस ने इसे लेकर संसद में चर्चा की मांग की है। राहुल गांधी ने सीधे तौर पर सरकार पर निशाना साधते हुए अदाणी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह मुद्दा सत्र के दौरान जोर पकड़ सकता है और सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
विपक्ष की वक्फ संशोधन विधेयक पर है बहस की तैयारी
शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक भी चर्चा का प्रमुख केंद्र रहेगा। जेपीसी इस विधेयक पर अपनी रिपोर्ट सत्र के दौरान पेश कर सकती है। हालांकि, विपक्षी सांसद इस रिपोर्ट को जमा करने के लिए और समय मांग रहे हैं। वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवाद और इसके प्रावधानों को लेकर सत्र के दौरान गरमागरम बहस होने की संभावना है।
सरकार के एजेंडे में कौन से विधेयक?
शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार कई अहम विधेयकों को पेश करने की तैयारी में है। इनमें पंजाब कोर्ट्स संशोधन विधेयक, मर्चेंट शिपिंग विधेयक, तटीय शिपिंग विधेयक, और भारतीय बंदरगाह विधेयक प्रमुख हैं। इसके अलावा, भारतीय वायुयान विधेयक राज्यसभा में लंबित है। लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक, वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ विधेयक समेत आठ विधेयक लोकसभा में लंबित हैं। राज्यसभा में भी दो विधेयक लंबित हैं। हालांकि, “एक देश, एक चुनाव” विधेयक को इस सत्र में पेश किए जाने की संभावना कम है।
महाराष्ट्र चुनाव के बाद बढ़ा सत्ताधारी दल का आत्मविश्वास

हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत ने भाजपा का मनोबल बढ़ाया है। सत्ताधारी दल इस आत्मविश्वास के साथ सत्र में शामिल हो रहा है कि वह विपक्ष के हमलों का प्रभावी जवाब देगा। शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। जहां विपक्ष अदाणी मामले और वक्फ विधेयक जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं सरकार अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी। संसद में चर्चा और बहस के जरिए देश के ज्वलंत मुद्दों पर गंभीरता से विचार होना लोकतंत्र के लिए सकारात्मक रहेगा।