Parliament strategy of NDA : पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, अहमदाबाद हादसा – कई घटनाओं के बाद पहला संसद सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। विपक्षी खेमा इन ज्वलंत मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के लिए एकजुट हो रहा है। वहीं राष्ट्रहित से जुड़े कठिन सवालों का जवाब देने के लिए कौन सी रणनीति अपनाई जाएगी? इन पर फैसला लेने के लिए भाजपा के रणनीति समूह ने शुक्रवार को एक अहम बैठक की।
केंद्र ने खारिज किया था विशेष सत्र की मांग
आपको बता दें कि विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर संसद में विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने उस मांग को खारिज कर दिया था।केंद्र सरकार ऑपरेशन सिंदूर और भारत – पाकिस्तान युद्ध विराम पर संसद सत्र में चर्चा से बचने की कोशिश कर रही है। लेकिन भाजपा भी यह महसूस कर रही है कि यह संभव नहीं है। इसके अलावा अहमदाबाद हादसे के बाद यह पहला संसद सत्र है। मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) या विशेष सुधार के काम को लेकर भी कई शिकायतें हैं।
सत्र में विपक्ष की रणनीति
विपक्ष मानसुन सत्र की शुरुआत से ही इन मुद्दों को उठा सकता है। सरकार ने इसकी आशंका जताते हुए जवाबी तैयारी शुरु कर दी है। शुक्रवार को केंद्र के शीर्ष नेताओं और मंत्रियों ने दिल्ली में एक रणनीतिक बैठक की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल समेत कई अन्य शीर्ष नेता मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक, शाह-नड्डा ने बैठक में तीनों सेना प्रमुखों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी सलाह-मशविरा किया। ऑपरेशन सिंदूर या भारत-पाक युद्धविराम पर विपक्ष के सवालों का जवाब कैसे दिया जाएगा! इस पर भी चर्चा हुई।
सुत्रों का दावा है कि रक्षा मंत्री ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम हमले और भारत – पाक युद्ध विरान पर संसद में बयान दे सकते हैं। शुक्रवार की बैठक में वह तैयारी भी पूरी कर ली गई। गौरतलब है कि उस बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी घोषित नहीं किया गया।

