Partition Horror Memorial Day: हर साल 14 अगस्त को भारत ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में याद करता है। यह दिन 1947 में देश के विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले और विस्थापित हुए लोगों की याद में मनाया जाता है। 78 साल पहले भारत और पाकिस्तान अलग हुए थे, लेकिन उस बंटवारे की पीड़ा आज भी लोगों के दिलों में ताजा है।
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पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजलि
बताते चले कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि यह दिन उन लोगों के साहस को सलाम करने का है जिन्होंने भारी दुख और नुकसान झेलने के बावजूद अपनी जिंदगी को दोबारा शुरू किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह दिन हमें देश को एकजुट रखने की जिम्मेदारी याद दिलाता है।
अमित शाह ने विभाजन की पीड़ा को किया याद
गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस दिन को याद करते हुए कहा कि देश को टुकड़ों में बांटकर मातृभूमि के स्वाभिमान को ठेस पहुंची। विभाजन के कारण करोड़ों लोगों को हिंसा, शोषण और विस्थापन का सामना करना पड़ा। उन्होंने सभी पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि भारत इस दर्द को कभी नहीं भूल सकता।
राजनाथ सिंह ने सामाजिक सौहार्द और संवेदनशीलता पर दिया जोर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विभाजन के बाद नफरत और हिंसा के भयावह परिणामों से लाखों लोगों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज भी हर भारतीय के दिल में पीड़ित परिवारों के लिए संवेदना है। साथ ही, उन्होंने सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
विभाजन का ऐतिहासिक प्रभाव और पीड़ितों की संख्या
भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली, लेकिन स्वतंत्रता के साथ ही देश का विभाजन भी हुआ। यह इतिहास का ऐसा अध्याय है जिसने करीब 2 करोड़ लोगों को प्रभावित किया। लाखों परिवारों को अपने घर छोड़कर शरणार्थी बनकर नई जिंदगी की शुरुआत करनी पड़ी। आज भी विभाजन की पीड़ा और उससे जुड़ी कहानियाँ भारतीय इतिहास में जीवंत हैं।
स्मृति दिवस का संदेश
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस न केवल अतीत की पीड़ा को याद करने का दिन है, बल्कि यह हमें वर्तमान में एकजुट रहने, देश की रक्षा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की सीख भी देता है। नेताओं और नागरिकों की तरफ से श्रद्धांजलि और संवेदनशीलता के संदेश से यह दिन महत्वपूर्ण बन जाता है।
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