Bihar Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पटना की सड़कों पर 2.8 किलोमीटर लंबा रोड शो कर अपनी चुनावी मुहिम को नया जोश दिया। खास बात यह रही कि इस हाई-प्रोफाइल रोड शो में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर नहीं आए। वहीं, पूरे शहर में “मोदी-मोदी” और “भारत माता की जय” के नारों से माहौल गूंज उठा।
फूलों से सजी गाड़ी पर पीएम मोदी का अभिवादन
प्रधानमंत्री मोदी फूलों से सजी ओपन गाड़ी में हाथ में कमल का फूल लेकर लोगों का अभिवादन कर रहे थे। उनके साथ मंच पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, सांसद रविशंकर प्रसाद, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री नितिन नवीन मौजूद थे। इसके अलावा दानापुर से प्रत्याशी रामकृपाल यादव और संजीव चौरसिया भी रथ पर सवार रहे। सड़कों के दोनों ओर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। कई जगहों पर लोगों ने अपने घरों की बालकनी से आरती उतारकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। पूरे रास्ते में रंग-बिरंगी लाइट्स, फूलों की सजावट और बीजेपी के झंडों ने माहौल को उत्सवमय बना दिया।
14 विधानसभा क्षेत्रों को साधने की कोशिश
यह रोड शो कदमकुआं के दिनकर चौक से शुरू होकर उद्योग भवन (गांधी मैदान) तक पहुंचा। कुल 10 स्वागत पॉइंट्स पर पीएम मोदी का फूलों की बारिश के साथ स्वागत किया गया।गाड़ी में पटना के 6 विधानसभा क्षेत्रों – पटना साहिब, कुम्हरार, दानापुर, दीघा, बांकीपुर और फुलवारी – के प्रत्याशी बारी-बारी से सवार होते रहे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस रोड शो के जरिए पीएम मोदी पटना की 14 विधानसभा सीटों पर सीधा प्रभाव डालने की रणनीति बना रहे हैं।
नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी पर चर्चा
हालांकि रोड शो में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी ने सियासी हलचल तेज कर दी। जदयू की ओर से ललन सिंह ने उनकी जगह प्रतिनिधित्व किया। बीजेपी नेताओं ने कहा कि यह रोड शो जनता के लिए है, राजनीति के लिए नहीं।
गुरुद्वारा और राजभवन में पीएम का कार्यक्रम
रोड शो समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तख्त श्रीहरिमंदिर साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका और देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद वे राजभवन में NDA नेताओं के साथ रात्रिभोज करेंगे, जहां आगामी चुनावों की रणनीति पर चर्चा होने की संभावना है।पूरे पटना में मोदी के स्वागत में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। कई इलाकों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक मोदी मास्क और झंडे लेकर सड़कों पर नजर आए। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इसे “ऐतिहासिक रोड शो” बताया, जिसने बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा भर दी है।
