Paytm Share Price:डिजिटल पेमेंट कंपनी Paytm के निवेशकों को आज भारी झटका लगा, जब कंपनी के शेयर बाजार में 10% तक टूट गए। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह बना भारत सरकार का हालिया बयान, जिसमें UPI ट्रांजेक्शन पर MDR (Merchant Discount Rate) लगाने की बात को लेकर स्पष्टीकरण दिया गया।सुबह बाजार खुलते ही Paytm की पेरेंट कंपनी One 97 Communications के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई। निवेशकों ने शेयरों को तेजी से बेचना शुरू कर दिया, जिसके चलते यह स्टॉक कुछ ही समय में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट में आ गया। यह गिरावट पिछले साल फरवरी के बाद से सबसे बड़ी मानी जा रही है।
क्या है MDR विवाद और वित्त मंत्रालय की सफाई?
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार ₹3000 से अधिक के UPI ट्रांजेक्शन पर MDR लगाने की योजना बना रही है। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार बैंकों और पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स को सपोर्ट देने के लिए इस कदम पर विचार कर रही थी।हालांकि, वित्त मंत्रालय ने तुरंत इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि ऐसी खबरें भ्रामक और तथ्यहीन हैं। सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि UPI ट्रांजेक्शन पर किसी प्रकार का MDR लगाने की कोई योजना नहीं है और यह व्यवस्था आम लोगों के हित में फ्री ही रहेगी।
बाजार में क्यों आई इतनी बड़ी प्रतिक्रिया?
हालांकि वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट का खंडन कर दिया, लेकिन खबर सामने आते ही बाजार में नकारात्मक माहौल बन गया। इसका असर सीधे तौर पर Paytm के शेयर पर पड़ा क्योंकि यह कंपनी UPI आधारित ट्रांजेक्शनों पर निर्भर रहती है। निवेशकों को यह डर सताने लगा कि यदि भविष्य में UPI पर शुल्क लगा तो इससे कंपनी के उपयोगकर्ताओं की संख्या और लेनदेन की मात्रा पर असर पड़ सकता है।इस डर के कारण बड़ी संख्या में निवेशकों ने शेयर बेचने का फैसला किया और देखते ही देखते Paytm का शेयर 10% तक टूट गया।
पिछले साल फरवरी के बाद सबसे बड़ी गिरावट
Paytm के शेयरों में यह गिरावट एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावटों में से एक है, जो पिछली बार फरवरी 2024 में देखी गई थी। तब भी किसी सरकारी या नियामकीय अपडेट के चलते कंपनी के शेयर बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
शेयर बाजार के जानकारों की मानें तो यह गिरावट भावनात्मक प्रतिक्रिया का नतीजा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सरकार की पॉलिसी स्पष्ट बनी रहती है, तब तक Paytm जैसे डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा। हालांकि, छोटे निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बिना सोच-समझे किसी अफवाह के आधार पर फैसले नहीं लेने चाहिए।