Pigeon feeding ban : महाराष्ट्र सरकार ने ग्रेटर मुंबई नगर निगम को तत्काल आदेश जारी कर समुद्र नगरी मुंबई में सभी ‘कबूतर घर’ (जहां कबूतरों को दाना डाला जाता है) बंद करने को कहा है। अचानक ऐसा आदेश क्यों? इसके पीछे महामारी का डर है। कबूतरों की बीट और यहां तक कि पंखों से भी जानलेवा बीमारियां फैलने के डर से राज्य सरकार ने जल्दबाजी में नगर निगम के अधिकारियों को शहर में सभी ‘कबूतर घर’ बंद करने को कहा।
कबूतरों को लेकर चिंता जताई
पिछले गुरुवार को नगर निगम प्रशासन से जुड़े शिवसेना नेता मनीष कायंदे ने विधानसभा में कबूतरों को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा, “कबूतर घर जिन इलाकों में हैं, वहां के निवासियों के स्वास्थ्य को खतरा है। कबूतरों की बीट और पंखों से बीमारियां फैल रही हैं। नतीजतन, कई लोग बीमार पड़ रहे हैं। वे फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित हैं।” नगर निगम की सदस्य भाजपा नेता चित्रा वाघ ने दावा किया कि कबूतरों से संक्रमित होने के बाद उनकी मौसी की फेफड़ों की बीमारी से मौत हो गई।
भीतर कबूतर घरों के खिलाफ कार्रवाई
विधानसभा में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अनुपस्थिति में नगर विकास मंत्री उदय सामंत ने कहा कि वाणिज्यिक शहर में कुल इक्यावन ‘कबूतर घर’ हैं। उदय ने आदेश दिया, “नगर निगम एक महीने के भीतर कबूतर घरों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। बीएमसी को ‘कबूतर घरों’ को बंद करने का काम तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया जा रहा है।” शहरी विकास मंत्री ने ‘कबूतर घरों’ के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मंत्री ने इस बात पर नाराजगी जताई कि दादर में एक ‘कबूतर घर’ दो दिन पहले बंद होने के बाद फिर से खुल गया।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि सांताक्रूज पूर्व, दौलत नगर और सांताक्रूज पश्चिम में कबूतर घर बंद कर दिए गए हैं। बीएमसी ने उन जगहों पर एक ट्रैफिक आइलैंड और मियावाकी गार्डन बनाया है। मुंबई का मतलब है समुद्र-इंडिया गेट-उड़ते कबूतर! लेकिन शांति के दूत अशांति बढ़ा रहे हैं! क्या घातक बीमारी के डर से बॉलीवुड नगरी की एक पहचान मिट जाएगी?
Read More : BR Gavai:हिंदी विवाद के बीच चीफ जस्टिस की मातृभाषा पर बड़ी टिप्पणी, जानिए क्या बोले गवई?