Pinarayi Vijayan : केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के सरकारी आवास पर बम लगाए जाने की अफवाह से रविवार सुबह हड़कंप मच गया। एक अज्ञात ईमेल में यह दावा किया गया कि मुख्यमंत्री के निवास पर बम लगाया गया है जो किसी भी समय विस्फोट कर सकता है। इस धमकी से प्रशासन में हड़कंप मच गया और तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया।
ईमेल में किया गया था जानलेवा धमाका होने का दावा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ईमेल में लिखा गया कि “मुख्यमंत्री विजयन के आवास पर बम लगाया गया है। यह विस्फोट इतना शक्तिशाली होगा कि पूरा आवास नष्ट हो जाएगा और कई जानें जा सकती हैं।” इस सनसनीखेज संदेश के बाद फौरन सुरक्षा एजेंसियों ने मोर्चा संभाला और मौके पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया।
मुख्यमंत्री इस समय राज्य से बाहर
थम्पनूर थाने की पुलिस और बम निरोधक दस्ते की टीम तुरंत मुख्यमंत्री आवास पर पहुंची और पूरे परिसर की गहन तलाशी ली गई। घंटों चली इस तलाशी में अभी तक कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली है। फिलहाल क्षेत्र को सुरक्षित घोषित कर दिया गया है, लेकिन जांच जारी है। सौभाग्यवश, धमकी मिलने के समय मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन केरल में मौजूद नहीं थे। वह इस समय इलाज के सिलसिले में अमेरिका में हैं। ऐसे में प्रशासन ने राहत की सांस ली, लेकिन इस तरह की धमकी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता जरूर बढ़ा दी है।
धमकी भेजने वाले की पहचान की कोशिश जारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शुरुआती जांच में ईमेल भेजने वाले के आईपी पते और स्थान का पता लगाया जा चुका है। हालांकि, इसकी जानकारी फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है। अधिकारियों का मानना है कि ईमेल में इस्तेमाल किया गया नाम और विवरण फर्जी हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि इस तरह की धमकियाँ हाल के दिनों में देश के अन्य शहरों में भी देखने को मिली हैं। अधिकतर मामलों में पाया गया कि धमकी देने वाले फर्जी नाम और ईमेल पते का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि अफरा-तफरी फैलाई जा सके।
सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट
इस घटना के बाद पूरे तिरुवनंतपुरम में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री आवास के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। साथ ही राज्य के अन्य संवेदनशील स्थानों पर भी सतर्कता बरती जा रही है। मुख्यमंत्री के आवास पर बम की धमकी भले ही फर्जी निकली हो, लेकिन इसने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। सुरक्षा एजेंसियाँ अब ईमेल भेजने वाले की पहचान में जुट गई हैं और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही हैं।
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