Pithori Amavasya 2025: पिठोरी अमावस्या पर इन उपायों से दूर होगा पितृदोष

पंचांग के अनुसार अभी भाद्रपद का महीना चल रहा है और इस माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पिठोरी अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है जो कि बेहद ही खास है।

Nivedita Kasaudhan
Amavasya
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Pithori Amavasya 2025: सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को बेहद ही खास माना गया है, जो कि हर माह में दो बार पड़ती हैं। पंचांग के अनुसार अभी भाद्रपद का महीना चल रहा है और इस माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पिठोरी अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है जो कि बेहद ही खास है। इस दिन लोग अपने पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करके उन्हें प्रसन्न करते हैं। माना जाता है कि अगर पितर प्रसन्न हो जाते हैं तो घर परिवार में सुख समृद्धि और शांति बनी रहती है।

इस दिन पवित्र नदियों में भी स्नान व दान पुण्य करना अच्दा माना जाता है ऐसा करने से कई तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मनोकामना पूरी होती है। अगर आप पितृदोष से परेशान हैं, तो पिठोरी अमावस्या के दिन कुछ उपायों को अपना सकते हैं ऐसा करने से लाभ की प्राप्ति होती है तो हम आपको उन्हीं उपायों व अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।

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कब है पिठोरी अमावस्या?

Pithori Amavasya 2025
Pithori Amavasya 2025

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 22 अगस्त को सुबह 11 बजकर 55 मिनट से आरंभ हो रही है, जो कि 23 अगस्त की सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वहीं उदया तिथि के अनुसार पिठोरी अमावस्या 22 अगस्त को मनाई जाएगी।

पिठोरी अमावस्या पर करें आसान उपाय

श्राद्ध और तर्पण

आपको बता दें कि अमावस्या के दिन सुबह स्नान आदि करें इसके बाद पितरों के नाम से तिल, जल और पुष्प अर्पित करें। ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं और कष्ट दूर कर देते हैं।

पवित्र नदी में स्नान

पिठोरी अमावस्या पर गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करके पितरों का स्मरण करें ऐसा करना अच्छा माना जाता है अगर नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो आप घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

पीपल की पूजा

अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की विधिवत पूजा करें उसमें जल अर्पित करें साथ ही दीपक भी जलाएं माना जाता है कि ऐसा करने से पितृदोष शांत हो जाता है।

गरीबों को भोजन कराएं

इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन जरूर कराएं। माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों को संतोष की प्राप्ति होती है और पितृदोष दूर हो जाता है।

अन्न का दान

अमावस्या तिथि पर तिल, चावल, आटा, वस्त्र और दक्षिणा का दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और सुख समृद्धि आती है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

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