Pitru Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है। यह समय पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का होता है। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और इसका समापन अमावस्या के दिन होता है, जिसे सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है।पितृ पक्ष इस साल 8 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगा। 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। इस पावन काल में लोग अपने पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करते हैं। मान्यता है कि इन कर्मों से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
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पितरों की तस्वीर लगाने से जुड़े वास्तु नियम

वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि पितरों की तस्वीर कहां लगानी चाहिए और किन स्थानों से परहेज करना चाहिए। गलत दिशा में तस्वीर लगाने से पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है और परिवार को मानसिक, आर्थिक या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
यहां न लगाएं पितरों की तस्वीर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम (शयनकक्ष) में पितरों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। यह स्थान निजी जीवन और दांपत्य सुख से जुड़ा होता है और पितरों की उपस्थिति यहां शुभ नहीं मानी जाती।
रसोईघर (किचन) में भी पितरों की तस्वीर लगाना वर्जित है। यह स्थान अन्न और ऊर्जा का स्रोत है, जहां पितृ तस्वीर की उपस्थिति से नकारात्मकता बढ़ सकती है। इन दोनों स्थानों पर तस्वीरें लगाने से पूर्वज नाराज हो सकते हैं और जीवन में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ये दिशाएं हैं शुभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीर लगाने के लिए दक्षिण दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है। दक्षिण दिशा को पितृलोक से जोड़ा जाता है, इस दिशा में पितरों की तस्वीर लगाना उनके प्रति सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक होता है। इससे परिवार पर पितरों की कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। दक्षिण दीवार पर तस्वीर लगाते समय यह ध्यान रखें कि पितरों की आंखें सामने हों और तस्वीर जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर हो।
पितरों का आशीर्वाद पाने के उपाय
पितृ पक्ष के दौरान तर्पण, श्राद्ध और दान करना अत्यंत शुभ होता है।
गाय, ब्राह्मण, कौआ और कुत्ते को भोजन कराना पितरों को संतुष्ट करता है।
जरूरतमंदों की सेवा और दान पुण्य से भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस समय नकारात्मक विचार, मांसाहार, झूठ और क्रोध से बचना चाहिए।

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