Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितंबर यानी आज से हो चुकी है। यह समय पितरों को श्रद्धांजलि देने, उनके लिए तर्पण व श्राद्ध करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का उत्तम समय है। हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व माना गया है।
यह 15 दिवसीय अवधि होती है जब पितरों की आत्मा धरती पर आती है और अपने वंशजों से तर्पण व श्रद्धा की अपेक्षा रखती है। मान्यता है कि अगर इन दिनों में श्रद्धा और नियमपूर्वक श्राद्ध-कर्म किए जाएं, तो पितृ प्रसन्न होते हैं और परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन अगर इस दौरान कुछ गलतियां की जाएं, तो पितर नाराज़ भी हो सकते हैं। आइए जानें पितृपक्ष में किन 6 कार्यों से बचना चाहिए।
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पितृपक्ष में करें ये कार्य

पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करें।
जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दक्षिणा दान करें।
ब्राह्मण, गाय, कौवे और कुत्तों को भोजन कराएं, यह शुभ फल देता है।
पितृपक्ष में भूलकर भी न करें ये 6 कार्य
मांगलिक कार्यों से बचें
पितृपक्ष में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, दुकान या नया व्यवसाय शुरू करने जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। ये समय पितरों की शांति के लिए होता है, न कि उल्लास और जश्न का।
झूठ, अपशब्द और छल कपट से बचें
इस पावन काल में झूठ बोलना, किसी से धोखा करना या गाली-गलौच करना वर्जित माना गया है। पितर ऐसे कर्मों से अप्रसन्न हो सकते हैं। साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन भी आवश्यक है।
वर्जित भोजन न करें
पितृपक्ष के दौरान मांसाहार, शराब, प्याज, लहसुन, बैंगन, मूली, मसूर की दाल, सरसों का साग, बासी भोजन, काला नमक, सफेद तिल और सत्तू का सेवन वर्जित होता है। इन खाद्य पदार्थों से पितर रुष्ट हो सकते हैं।
तर्पण में सफेद तिल और लोहे के बर्तन का उपयोग न करें
तर्पण में काले तिल का प्रयोग करें, न कि सफेद तिल का। खाना पकाने के लिए लोहे या स्टील के बर्तन का उपयोग न करें। पीतल या तांबे के बर्तन शुभ माने जाते हैं।
श्राद्ध का भोजन पहले न चखें
पितरों के लिए जो भोजन तैयार किया जा रहा हो, उसे बिना चखे ही बनाना चाहिए। भोजन बनाने वाला व्यक्ति पहले खुद भोजन न करे। साथ ही अगर कोई गाय, ब्राह्मण, कुत्ता या भिखारी घर पर आए तो उनका अनादर न करें।
अपराह्न (दोपहर) में ही करें तर्पण
ब्रह्म मुहूर्त या सुबह-सुबह तर्पण करना अनुचित माना जाता है। दोपहर के समय (अपराह्न) में तर्पण करने से अधिक पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
