Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने बुधवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। 51 उम्मीदवारों की इस सूची में कई नए और पुराने चेहरों को जगह दी गई है, लेकिन सूची सामने आते ही पार्टी के भीतर घमासान मच गया।
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लता सिंह को टिकट मिलते ही मचा बवाल
बताते चले कि, इस लिस्ट में सबसे ज्यादा विवाद उस वक्त खड़ा हो गया जब पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह को आस्थावां विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। टिकट की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद पार्टी कार्यालय पर नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने आरसीपी सिंह के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि “अब पार्टी से भरोसा उठ गया है।”
प्रशांत किशोर रहे नदारद, शीर्ष नेता रहे मौजूद
उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के दौरान प्रशांत किशोर खुद मौजूद नहीं थे। हालांकि, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती और आरसीपी सिंह मौजूद रहे। लिस्ट को लेकर उठे विवाद पर फिलहाल पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक सफाई नहीं दी गई है। उदय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि प्रशांत किशोर 11 अक्टूबर से राघोपुर से जनसंपर्क अभियान शुरू करेंगे, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं है कि वे खुद राघोपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश
पार्टी द्वारा जारी 51 उम्मीदवारों की सूची में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है। सूची में 7 पिछड़ा वर्ग, 17 अति पिछड़ा वर्ग, 9 मुस्लिम, 1 किन्नर और बाकी सामान्य वर्ग के उम्मीदवार शामिल हैं। पार्टी ने संकेत दिया है कि अगली सूची एक या दो दिन में जारी की जाएगी।
आरसीपी सिंह एक बार फिर चर्चा में आए
लता सिंह को टिकट दिए जाने पर विवाद के बीच आरसीपी सिंह एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। 1984 बैच के आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह, लंबे समय तक नीतीश कुमार के करीबी माने जाते रहे। वे मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव भी रहे और बाद में राजनीति में उतरते हुए जेडीयू में नंबर दो की हैसियत तक पहुंचे। 2021 में केंद्र में मंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार से उनके रिश्ते बिगड़ने लगे। बाद में राज्यसभा से बाहर होने के बाद उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़ा। इसके बाद उन्होंने जेडीयू छोड़ बीजेपी का दामन थामा। कुछ समय बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई, लेकिन आठ महीने के भीतर ही अपनी पार्टी का विलय जन सुराज से कर दिया।
दो ‘पूर्व भरोसेमंद’ अब एक साथ
अब प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह, दोनों ही कभी नीतीश कुमार के सबसे करीबी रह चुके नेता, एक साथ जन सुराज के मंच पर आ गए हैं। लेकिन लता सिंह को टिकट मिलने से पार्टी में पारदर्शिता और वंशवाद को लेकर सवाल उठने लगे हैं, जिससे जन सुराज को शुरुआती झटका लग सकता है।
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