PM Modi In Bhopal: शनिवार, 31 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करते हुए विशाल जनसभा को भी संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन नारी शक्ति को समर्पित है और देश के भविष्य की दिशा तय करने वाला साबित होगा।
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पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल आतंकवाद विरोधी अभियान है। उन्होंने कहा, “हमारी सेना ने आतंकियों के ठिकानों को सैकड़ों किलोमीटर अंदर घुसकर पूरी तरह तबाह कर दिया। यह हमारे शौर्य और रणनीतिक क्षमता का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन न केवल सैन्य दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
पहलगाम हमला का जिक्र किया
प्रधानमंत्री ने बताया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने केवल निर्दोष भारतीयों का खून नहीं बहाया, बल्कि हमारी संस्कृति और समाज पर भी हमला किया। “आतंकियों ने हमारी नारी शक्ति को ललकारा था, लेकिन अब यह चुनौती आतंकवादियों के विनाश का कारण बन गई है,” उन्होंने कहा।
नारी शक्ति का प्रतीक बना ऑपरेशन सिंदूर
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर विशेष बल दिया कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की नारी शक्ति के सामर्थ्य को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “बीएसएफ की बेटियों ने मोर्चा संभालते हुए न केवल सीमाओं की रक्षा की, बल्कि सीमा पार से हो रही फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब भी दिया।” उन्होंने बीएसएफ की महिलाओं के अद्भुत साहस को पूरे देश का गौरव बताया।
लोकमाता अहिल्याबाई का उल्लेख
पीएम मोदी ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने गुलामी के समय में भी लोकसेवा और धर्मसेवा को कभी अलग नहीं माना। “वे शिवलिंग को सदैव अपने साथ रखती थीं और अपने राज्य को समृद्धि की ओर ले गईं। उनका जीवन आज भी प्रेरणा देता है,” प्रधानमंत्री ने कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह भाषण न केवल भारत की सैन्य सफलता की कहानी कहता है, बल्कि इसमें नारी शक्ति और सांस्कृतिक चेतना का भी गहरा संदेश छुपा है। ऑपरेशन सिंदूर को उन्होंने भारतीय परंपरा और साहस का नया प्रतीक बताया। देवी अहिल्याबाई के नाम पर आयोजित यह सम्मेलन सशक्त भारत की दिशा में एक सशक्त संदेश बनकर उभरा।
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