PM Modi in Parliament: प्रधानमंत्री मोदी देंगे ऑपरेशन सिंदूर पर जवाब, लोकसभा और राज्यसभा में 25 घंटे की होगी  चर्चा

Chandan Das

PM Modi in Parliament: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के मौजूदा मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के सवालों का जवाब देने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी अगले हफ्ते संसद के दोनों सदनों को संबोधित कर सकते हैं। चर्चा के बाद प्रधानमंत्री का बयान होने की संभावना जताई जा रही है, जो सरकार की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।

लोकसभा-राज्यसभा में 25 घंटे की चर्चा होगी

सुत्रों के अनुसार 29 जुलाई को संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होने की संभावना है। सरकार ने इस गंभीर मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे का समय निर्धारित किया है। दोनों सदनों में कुल 25 घंटे की चर्चा होगी, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्पष्टीकरण और बयान दिए जाने की संभावना है। यह भी बताया गया है कि प्रधानमंत्री का संबोधन, चर्चा की समाप्ति के बाद ही आएगा।

विपक्ष का दबाव

विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। विपक्षी नेताओं की मांग है कि प्रधानमंत्री खुद संसद में खड़े होकर ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के युद्धविराम पर स्थिति स्पष्ट करें। राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी चर्चा से बचने की कोशिश कर रहे हैं और देश को जवाब देने से पीछे हट रहे हैं।

राहुल गांधी का आरोप

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने जब इतना बड़ा सैन्य अभियान चलाया, तो प्रधानमंत्री को देश के सामने आकर खुलकर बात करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री अब तक संसद से बचते रहे हैं, जबकि देश और जवानों को लेकर सवाल गंभीर हैं।

विपक्ष नहीं करना चाहता इंतजार

विपक्षी दलों का कहना है कि अगले हफ्ते तक इंतजार करना काफी नहीं है। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री को तत्काल संसद में बयान देना चाहिए। विपक्षी खेमा इसे सिर्फ “राजनीतिक रणनीति” मान रहा है, जिससे सरकार विपक्ष के सवालों को टालने की कोशिश कर रही है।

पीएम के बयान से बंधी उम्मीदें

अब सबकी निगाहें अगले हफ्ते की निर्धारित चर्चा और प्रधानमंत्री मोदी के संभावित संबोधन पर टिकी हैं। जहां सरकार ने चर्चा के लिए मंच तैयार कर दिया है, वहीं विपक्ष तुरंत जवाब चाहता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष के दबाव के बीच सदन में खुद मौजूद रहकर बयान देते हैं, या वह सिर्फ चर्चा के बाद ही प्रतिक्रिया देंगे।

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