PM Modi In Kolkata: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोलकाता स्थित फोर्ट विलियम में आयोजित 16वीं कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (CCC) का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन 15 से 17 सितंबर तक चलेगा और इसमें तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारी देश की सुरक्षा रणनीति, आधुनिकीकरण और युद्ध-तैयारी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।
थीम: ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म्स -भविष्य के लिए ट्रांसफॉर्मेशन’
इस वर्ष की CCC की थीम है – ‘Year of Reforms – भविष्य के लिए ट्रांसफॉर्मेशन’। यह थीम इस बात पर बल देती है कि कैसे भारतीय सशस्त्र बलों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तकनीकी, रणनीतिक और संरचनात्मक रूप से तैयार किया जाए। कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, CDS जनरल अनिल चौहान, और रक्षा मंत्रालय व अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
सेना और सरकार की साझेदारी से बनती है रक्षा नीति
संयुक्त कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (CCC) भारत की तीनों सेनाओं और केंद्र सरकार के बीच सीधे संवाद और रणनीतिक साझेदारी का सबसे बड़ा मंच है। इसका उद्देश्य सेना और सरकार को एक ही मंच पर लाकर राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य आधुनिकीकरण, नई तकनीकों के समावेश, और भविष्य की युद्ध नीति पर ठोस रणनीति बनाना होता है।यह सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है जब भारत वैश्विक स्तर पर तकनीकी और भू-राजनीतिक बदलावों के बीच अपनी सुरक्षा तैयारियों को उन्नत कर रहा है।
एक महीने में पीएम मोदी का दूसरा बंगाल दौरा
प्रधानमंत्री मोदी रविवार शाम को कोलकाता पहुंचे। यह एक महीने के भीतर उनका दूसरा पश्चिम बंगाल दौरा है, जो दर्शाता है कि केंद्र सरकार पूर्वी भारत की सामरिक और राजनीतिक स्थिति को कितनी अहमियत दे रही है। कोलकाता स्थित ईस्टर्न कमांड भारतीय सेना की सबसे महत्वपूर्ण कमानों में से एक है, जो भारत की पूर्वी सीमाओं की रक्षा करती है।
आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और तकनीक पर जोर
कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में ‘मेक इन इंडिया’, आत्मनिर्भर भारत, और नई रक्षा तकनीकों को सेना में कैसे शामिल किया जाए, इस पर भी विस्तार से चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल के वर्षों में डिफेंस सेक्टर में निजी निवेश और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया है। 16वीं संयुक्त कमांडर्स कॉन्फ्रेंस भारत की रक्षा नीतियों और सैन्य दृष्टिकोण में बदलाव का प्रतीक है। पीएम मोदी की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि केंद्र सरकार सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह सम्मेलन आने वाले वर्षों में भारत की रक्षा संरचना और युद्धनीति को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।
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