PM Modi ने आज लगभग 11,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई दो बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का उद्घाटन किया। ये प्रोजेक्ट्स दिल्ली, हरियाणा और नोएडा समेत पूरे एनसीआर की यात्रा को तेज, सुगम और सुविधाजनक बनाएंगे। इनमें पहला द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली सेक्शन है, जबकि दूसरा महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अर्बन एक्सटेंशन रोड (UER-II) है। इनकी शुरुआत से ट्रैफिक जाम में कमी आने की उम्मीद है और लोगों का सफर समय की बचत के साथ ज्यादा आरामदायक हो जाएगा।
75.71 किलोमीटर लंबा है अर्बन एक्सटेंशन रोड प्रोजेक्ट
अर्बन एक्सटेंशन रोड प्रोजेक्ट कुल 75.71 किलोमीटर लंबा है, जिसमें से 54.21 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में और 21.50 किलोमीटर हरियाणा में स्थित है। इस प्रोजेक्ट पर कुल 6,445 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। आज उद्घाटन किया गया पैकेज-4 सीधे तौर पर गुरुग्राम, पंजाब, पश्चिम और दक्षिण दिल्ली से एनएच-44 और चंडीगढ़ की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए उपयोगी साबित होगा। उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने परियोजना स्थल पर जाकर मजदूरों से संवाद भी किया और उन्हें इस उपलब्धि के लिए धन्यवाद दिया।
IGI एयरपोर्ट तक सीधी और तेज पहुंच बनेगी संभव
द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली सेक्शन 10.1 किलोमीटर लंबा है, जिसमें एक अत्याधुनिक 5.1 किलोमीटर लंबी टनल भी बनाई गई है। यह टनल सीधे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) को जोड़ती है, जिससे यात्रियों को ट्रैफिक से राहत मिलेगी और एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान होगा। वहीं, द्वारका एक्सप्रेसवे का हरियाणा सेक्शन 29 किलोमीटर लंबा है, जो महिपालपुर से खेड़की दौला तक फैला है। यह पूरा एक्सप्रेसवे दिल्ली और हरियाणा में दो हिस्सों में बांटा गया है।
एनसीआर की कनेक्टिविटी में आएगा जबरदस्त सुधार
इन दोनों प्रोजेक्ट्स के शुरू होने से दिल्ली-गुरुग्राम रोड पर ट्रैफिक जाम की समस्या में बड़ी राहत मिलेगी। खासकर पश्चिमी दिल्ली, गुरुग्राम, और आसपास के एनसीआर क्षेत्रों में आवाजाही अब ज्यादा तेज होगी। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2024 में द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा सेक्शन का उद्घाटन किया था। अब दिल्ली सेक्शन के साथ इस पूरे कॉरिडोर को यातायात के लिए खोल दिया गया है, जो NCR के लाखों लोगों के लिए एक बड़ी सुविधा है।
इन दो मेगा प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन न केवल दिल्ली और हरियाणा बल्कि पूरे एनसीआर के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके जरिए सरकार ने एक बार फिर ‘मॉडर्न कनेक्टिविटी’ और ‘स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर’ के अपने वादे को धरातल पर उतारने का प्रयास किया है।
