Putin India visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार (5 दिसंबर) को लगभग 27 घंटे के संक्षिप्त दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे, जिसका उद्देश्य करीब आठ दशक पुरानी भारत-रूस साझेदारी को और मजबूत करना है। भारत ने इस दौरे को कितनी अहमियत दी, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पालम एयरपोर्ट पर खुद गले लगाकर पुतिन का स्वागत करने से स्पष्ट हो गया। चार साल के अंतराल के बाद भारत आए पुतिन का यह स्वागत गर्मजोशी से भरा रहा।
एयरपोर्ट से, दोनों नेता पीएम मोदी की कार में उनके आधिकारिक आवास, 7, लोक कल्याण मार्ग, पहुंचे। इससे पहले दोनों नेताओं ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के तियानजिन शहर में भी एक ही कार में यात्रा की थी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पुतिन को अपना “मित्र” बताते हुए कहा कि भारत-रूस मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है।
Putin India Visit: पीएम मोदी ने पुतिन को ‘दोस्त’ कहा, स्वागत के बाद दोस्ती पर दिया बड़ा बयान
पीएम मोदी ने रूसी भाषा में भेंट की ‘श्रीमद्भागवत गीता’ की प्रति
बताते चले कि, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के लिए गुरुवार शाम को अपने आवास पर एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास को आकर्षक रोशनी और फूलों से सजाया गया था। रात्रिभोज के दौरान, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रूसी भाषा में ‘श्रीमद्भागवत गीता’ की एक प्रति भेंट की। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि गीता की शिक्षाएं दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरणा देती हैं। यह रात्रिभोज शुक्रवार को होने वाली 23वीं भारत-रूस शिखर वार्ता के लिए माहौल तैयार करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था, जिसमें दोनों देशों के संबंधों को व्यापक बनाने पर कई ठोस परिणामों की उम्मीद है।
शिखर वार्ता का पूरा कार्यक्रम
शुक्रवार को रूसी नेता का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा उन्हें सलामी दी जाएगी। इसके उपरांत, पुतिन राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। दोनों नेताओं के बीच मुख्य बैठक हैदराबाद हाउस में होगी। पीएम मोदी और पुतिन भारत मंडपम में फिक्की और रोसकांग्रेस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक व्यापारिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। शाम को, रूसी राष्ट्रपति, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनके सम्मान में आयोजित राजकीय भोज में शामिल होंगे। रूसी नेता के शुक्रवार रात लगभग 9 बजे भारत से रवाना होने की संभावना है।
व्यापार और रक्षा सहयोग पर होगा फोकस
इस शिखर वार्ता से भारत को काफी उम्मीदें हैं, खासकर रूस के पक्ष में बढ़ते व्यापार घाटे को दुरुस्त करने पर जोर दिया जाएगा, जो रूस से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल की खरीद के कारण बढ़ा है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत-अमेरिका संबंध में तेजी से गिरावट आई है, जिसमें अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत और रूस से कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाना शामिल है।
शिखर वार्ता में भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने पर अमेरिकी प्रतिबंधों के असर पर चर्चा होने की संभावना है। व्यापार क्षेत्र में, फार्मा, कृषि, खाद्य उत्पादों और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्रों में रूस को भारतीय निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, ताकि व्यापार घाटे को कम किया जा सके। रूस भारत को सालाना 30 से 40 लाख टन उर्वरक की आपूर्ति करता है, जिस पर भी सहयोग बढ़ाने पर विचार होगा।
S-400 और SU-57 पर होगी बातचीत
शिखर सम्मेलन से पहले, दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने व्यापक चर्चा की, जिसमें रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर की अतिरिक्त खेप खरीदने की भारत की योजना पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह उल्लेख किया गया कि S-400 मिसाइल सिस्टम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान बहुत प्रभावी साबित हुआ है।
रूसी पक्ष ने SU-57 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की संभावना पर भी चर्चा का संकेत दिया है। इसके अलावा, द्विपक्षीय ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर भी प्रमुखता से चर्चा होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि रूस ने भारत को कच्चे तेल की खरीद पर अतिरिक्त छूट की पेशकश की है। दोनों देशों के बीच यह 23वीं वार्षिक शिखर बैठक है, जो दोनों नेताओं के बीच संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा के लिए सालाना आयोजित की जाती है।
