PM Modi Inaugurates Pamban Bridge:रामनवमी के पावन अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु में कई बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। 6 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री द्वारा देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल का उद्घाटन किया जाएगा, साथ ही राज्य में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी। यह परियोजनाएं राज्य की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी और इसके माध्यम से प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
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भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटित किया जाने वाला पंबन पुल, जो एक वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल है, भारतीय इंजीनियरिंग की एक शानदार उपलब्धि का प्रतीक होगा। इस पुल का विशेष डिजाइन समुद्र में चलने वाले जहाजों के लिए रास्ता बनाने के लिए तैयार किया गया है। पंबन पुल का निर्माण 2.08 किलोमीटर लंबा है और इसकी लागत लगभग 700 करोड़ रुपये आई है। इस पुल के माध्यम से रामेश्वरम को मुख्यभूमि से जोड़ने का कार्य किया जाएगा, जो भारतीय बुनियादी ढांचे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।पंबन पुल के निर्माण से भारतीय तकनीकी क्षमता वैश्विक स्तर पर उजागर होगी और यह देश के विकास के नए आयाम खोलेगा। इस पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों दोपहर लगभग 12 बजे किया जाएगा, और इसके बाद वे रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे।
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नई रेल सेवाओं का शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान, रामेश्वरम और तांबरम (चेन्नई) के बीच नई ट्रेन सेवा का भी उद्घाटन किया जाएगा। यह सेवा यात्रियों के लिए एक नई सुविधा होगी और राज्य के परिवहन तंत्र को और अधिक सुदृढ़ करेगी।
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8,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाली रेल और सड़क परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। इन परियोजनाओं में प्रमुख रूप से विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों की चार-लेन बनाने की योजना शामिल है, जो राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाएंगी:
एनएच-40 (वालाजापेट-रानीपेट): 28 किलोमीटर लंबा चार-लेन खंड
एनएच-332 (विलुप्पुरम-पुदुचेरी): 29 किलोमीटर लंबा चार-लेन खंड
एनएच-32 (पूंडियनकुप्पम-सत्तनाथपुरम): 57 किलोमीटर लंबा खंड
एनएच-36 (चोलापुरम-तंजावुर): 48 किलोमीटर लंबा खंड
ये नए राजमार्ग प्रमुख तीर्थ स्थलों, पर्यटन केंद्रों, और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को आपस में जोड़ने का काम करेंगे। इन परियोजनाओं से न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि स्थानीय किसानों को अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी। साथ ही, यह सड़कें चिकित्सा सेवाओं, अस्पतालों और बंदरगाहों तक पहुंच को आसान बनाएंगी, जिससे राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में तेजी आएगी।
पंबन पुल का महत्व: 111 साल बाद नया रूप
पंबन पुल का इतिहास बहुत पुराना है। यह पुल सबसे पहले 1914 में रामेश्वरम की कनेक्टिविटी के लिए बनवाया गया था, और अब 111 साल बाद इसे नए कलेवर में पुनर्निर्मित किया गया है। इस पुल की विशेषता यह है कि यह जहाजों के गुजरने के लिए ऊपर-नीचे उठने वाली व्यवस्था से लैस है। इसकी लंबाई 2.08 किलोमीटर है और इसमें 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है, जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है।
नए पंबन पुल की तकनीकी विशेषताएं
नया पंबन पुल पुराने पुल से तीन मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाजों को गुजरने में कोई परेशानी नहीं होगी। इस पुल पर ट्रेन की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा रखी जा सकती है, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे फिलहाल 80 किमी प्रति घंटा पर सीमित रखा गया है। इस पुल की निर्माण लागत लगभग 750 करोड़ रुपये आई है और यह अगले 100 सालों तक ट्रेन संचालन के लिए पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।