PM Modi Trinidad and Tobago Visit: त्रिनिदाद एंड टोबैगो UP-बिहार से खास कनेक्शन ? प्रधानमंत्री कमला बिसेसर का बिहार से नाता

Aanchal Singh
PM Modi Trinidad and Tobago Visit
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PM Modi Trinidad and Tobago Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी घाना यात्रा के सफल समापन के बाद कैरेबियन द्वीपीय देश त्रिनिदाद एंड टोबैगो का दौरा किया, जहां राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में उनका शानदार और आत्मीय स्वागत किया गया। भारतीय मूल के लोगों ने पारंपरिक परिधानों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया, जिससे दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंध एक बार फिर उजागर हुए।

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यूपी-बिहार से गिरमिटिया मजदूरों का त्रिनिदाद तक का सफर

यूपी-बिहार से गिरमिटिया मजदूरों का त्रिनिदाद तक का सफर

बताते चले कि, ब्रिटेन द्वारा 1834 में अफ्रीका में गुलामी प्रथा समाप्त किए जाने के बाद, त्रिनिदाद में मजदूरों की भारी कमी हो गई थी। इस संकट को दूर करने के लिए भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों विशेषकर भोजपुरी भाषी जिलों जैसे छपरा, आरा, बलिया, गोपालगंज, बक्सर, बनारस और आजमगढ़ से बड़ी संख्या में मजदूरों को गिरमिटिया अनुबंध के तहत त्रिनिदाद लाया गया। ये मजदूर वहां चीनी बागानों में काम करने लगे और यहीं की मिट्टी में रच-बस गए।

आज भी जिंदा है भारतीय विरासत

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, वर्तमान में त्रिनिदाद एंड टोबैगो की लगभग 13.5 लाख की कुल आबादी में 40 से 45 प्रतिशत लोग भारतीय मूल के हैं। इनमें अधिकांश वही हैं जिनके पूर्वज गिरमिटिया मजदूरों के रूप में भारत से आए थे। आज भी वहां भारतीय संस्कृति, परंपराएं और रीति-रिवाज जीवंत रूप से मौजूद हैं। यह प्रवासियों की जड़ों से जुड़ाव और सांस्कृतिक समर्पण का प्रमाण है।

बिहार के बक्सर से प्रधानमंत्री तक का सफर

बिहार के बक्सर से प्रधानमंत्री तक का सफर

त्रिनिदाद की राजनीति में भारतीय मूल के लोगों का गहरा प्रभाव है। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर भारतीय मूल की हैं, जिनके पूर्वज बिहार के बक्सर जिले के भेलूपुर गांव से त्रिनिदाद पहुंचे थे। उनके परदादा राम लखन मिश्रा गिरमिटिया मजदूर के रूप में इस देश में आए थे। कमला बिसेसर 2010 में प्रधानमंत्री बनीं और 2025 में एक बार फिर इस पद पर निर्वाचित हुईं।

सत्ता में दिखता है भारत का असर

त्रिनिदाद एंड टोबैगो की मौजूदा राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और लोकसभा अध्यक्ष जगदेव सिंह भी भारतीय मूल के हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय प्रवासी समुदाय न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में बल्कि राजनीति में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

भारतीय त्योहारों से सजी त्रिनिदाद की धरती

भारतीय त्योहारों से सजी त्रिनिदाद की धरती

त्रिनिदाद में भारतीय संस्कृति आज भी पूरी तरह जीवंत है। होली और दिवाली जैसे त्योहार वहां राष्ट्रीय अवकाश होते हैं। भोजपुरी भाषा, चटनी संगीत, पारंपरिक भारतीय व्यंजन और लिम्बो नृत्य आज भी वहां की दिनचर्या और पर्वों का अभिन्न हिस्सा हैं। यह सब इस बात का प्रमाण है कि यूपी और बिहार की संस्कृति ने इस देश को नई पहचान दी है।

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