Israeli Hostages Released: हमास की कैद में दो साल से ज्यादा समय तक बंदी रहे 20 इजरायली नागरिकों की रिहाई के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मानवीय उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रयासों की सराहना की है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “बंधकों की आज़ादी उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के लगातार शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के मजबूत संकल्प का प्रतीक है। हम राष्ट्रपति ट्रंप के क्षेत्र में शांति लाने के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करते हैं।”
दो चरणों में हुई बंधकों की रिहाई
738 दिनों की लंबी कैद के बाद हमास ने 20 इजरायली बंधकों को दो चरणों में रिहा किया। पहले चरण में 7 और दूसरे चरण में 13 लोगों को छोड़ा गया। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने रिहाई के बाद की तस्वीरें साझा कीं, जिनमें बंधक सैनिकों से मिलते हुए भावुक नजर आए। यह पल पूरे देश के लिए राहत और उम्मीद का प्रतीक बन गया।
ट्रंप की तेल अवीव यात्रा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिहाई के तुरंत बाद तेल अवीव का दौरा किया। उन्होंने उन परिवारों से मुलाकात की जिनके सदस्य बंधक रहे या हमलों में मारे गए। कनेस्सेट (इजरायली संसद) को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “दो कठिन वर्षों के बाद, 20 साहसी बंधक अपने परिवारों के पास लौटे हैं। बंदूकें अब खामोश हो गई हैं और एक नया सवेरा शुरू हुआ है। यह युद्ध का अंत नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है।”
नेतन्याहू का कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बंधकों की रिहाई को “इजरायल की ताकत और संकल्प” का परिणाम बताया। उन्होंने संसद में कहा, “हमने इस युद्ध के लिए भारी कीमत चुकाई है, लेकिन अब हमारे दुश्मनों को साफ हो गया होगा कि इजरायल कितना मजबूत है। 7 अक्टूबर का हमला उनकी सबसे बड़ी भूल थी।”
एक बड़ा मानवीय मोड़
विशेषज्ञों के अनुसार, यह रिहाई न केवल मानवीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में भी एक सकारात्मक मोड़ ला सकती है। लंबे समय से संघर्षग्रस्त इस क्षेत्र में यह कदम शांति के प्रयासों को नई दिशा दे सकता है। बंधकों के परिवारों ने इसे “चमत्कार जैसा पल” बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग का आभार व्यक्त किया।
20 बंधकों की रिहाई एक गहरा भावनात्मक और कूटनीतिक क्षण है, जिसने वैश्विक नेताओं को भी प्रतिक्रिया देने पर विवश किया। पीएम मोदी का समर्थन और ट्रंप-नेतन्याहू की भागीदारी इस घटनाक्रम को अंतरराष्ट्रीय फलक पर और अधिक महत्व देती है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि क्या यह कदम वाकई पश्चिम एशिया में स्थायी शांति की शुरुआत बन सकेगा।
Read More : IRCTC Scam: लालू परिवार पर लगे आरोप, नित्यानंद राय बोले – ‘अब जनता जंगलराज को नकारेगी’
