G-20 Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 से 21 नवंबर तक तीन देशों के दौरे पर रहेंगे, जिसमें वह वैश्विक मंचों पर भारत के हितों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस दौरान वह ब्राजील में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी साझा की, साथ ही प्रधानमंत्री के इस दौरे को भारत के वैश्विक संबंधों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत की आवाज़ होगी बुलंद
प्रधानमंत्री मोदी 18-19 नवंबर को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा के निमंत्रण पर रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री वैश्विक आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों पर भारत का दृष्टिकोण सामने रखेंगे और “भारत द्वारा आयोजित जी-20 नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन” और “वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट” के अहम पहलुओं पर भी चर्चा करेंगे।
भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर इस समय जी-20 ट्रोइका का हिस्सा है, जिसमें ये तीनों देश महत्वपूर्ण चर्चाओं में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
क्या है जी-20?

जी-20 एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जिसमें 19 बड़े देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। यह समूह वैश्विक वित्तीय स्थिरता बनाए रखने, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, और आर्थिक समृद्धि जैसे विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करता है। हर साल एक सदस्य देश इसकी अध्यक्षता करता है, और इस बार ब्राजील इस जिम्मेदारी को निभा रहा है।
16-21 नवंबर तक 3 देशों की यात्रा पर पीएम
प्रधानमंत्री मोदी 16-17 नवंबर को नाइजीरिया का दौरा करेंगे, जो भारत के प्रधानमंत्री की 17 वर्षों में पहली नाइजीरिया यात्रा होगी। नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू के निमंत्रण पर होने वाली इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना और द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाना है। नाइजीरिया में ऊर्जा, स्वास्थ्य, और आर्थिक साझेदारी को लेकर कई समझौतों की उम्मीद की जा रही है।
गुयाना में होगा ऐतिहासिक राजकीय दौरा
प्रधानमंत्री मोदी 19-21 नवंबर को गुयाना की राजकीय यात्रा करेंगे, जो भारत के प्रधानमंत्री की 1968 के बाद पहली गुयाना यात्रा होगी। गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के निमंत्रण पर की जा रही इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के मुद्दों पर चर्चा होगी। इस यात्रा का मकसद भारतीय समुदाय के साथ संबंधों को भी गहरा करना है, क्योंकि गुयाना में एक बड़ा भारतीय प्रवासी समुदाय बसा हुआ है।
भारत की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति
प्रधानमंत्री का यह तीन देशों का दौरा न केवल भारत के वैश्विक महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे भारत अपनी कूटनीतिक स्थिति को मजबूत कर रहा है। चाहे वह जी-20 में भारत का नेतृत्व हो, या अफ्रीकी और कैरिबियन देशों के साथ संबंधों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाना हो, प्रधानमंत्री का यह दौरा भारत की वैश्विक छवि को और मजबूत करेगा। यह दौरा इस बात का संकेत है कि भारत न केवल जी-20 जैसे वैश्विक मंचों पर सक्रिय भूमिका निभा रहा है, बल्कि अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों के साथ भी मजबूत साझेदारी बना रहा है। वैश्विक चुनौतियों के समाधान में भारत का योगदान और बढ़ाने के साथ ही यह दौरा भारतीय कूटनीति की प्रभावशाली दिशा को भी दर्शाता है।