प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपनी शीतकालीन चारधाम यात्रा के तहत उत्तराखंड के हर्षिल और मुखवा का दौरा किया। यह यात्रा काफी समय से प्रस्तावित थी और पिछले एक महीने से इस यात्रा की तैयारियां की जा रही थीं। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा मौसम और बाकी कारणों से कुछ बार स्थगित हो चुका था, लेकिन वह उत्तरकाशी जिले पहुंचे और अपनी यात्रा को पूरा किया।
प्रधानमंत्री ने की मां गंगा की पूजा अर्चना

प्रधानमंत्री मोदी ने गंगोत्री के शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा गांव में पहुंचकर वहां मां गंगा की पूजा अर्चना की। वह मुखवा पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले, देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1966 में हर्षिल का दौरा किया था, लेकिन वह मुखवा नहीं गई थीं। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पारंपरिक चपकन
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर पारंपरिक चपकन पहना, जो गंगोत्री मंदिर समिति द्वारा उन्हें भेंट किया गया था। यह परिधान गंगोत्री के तीर्थपुरोहितों द्वारा पूजा करने के दौरान पहना जाता है और इसे खास माना जाता है। चपकन एक गर्म परिधान है, जो कोट की तरह होता है और इसे मुखवा गांव की मान्यता के प्रतीक के रूप में पहना जाता है। यह परिधान भेंडी ऊन से तैयार किया गया है, जो इस क्षेत्र की पारंपरिक वस्त्र निर्माण कला का हिस्सा है।
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हर्षिल में किया जनसभा को संबोधित

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान हर्षिल में भी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन के विकास पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग को भी काफी बल मिला है, जो उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को नया आयाम देगा।
रासौं नृत्य के साथ हुआ प्रधानमंत्री स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा उत्तराखंड के लिए बहुत मायने रखता है, क्योंकि यह राज्य के पर्यटन, संस्कृति और विकास के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दौरे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल और अन्य नेता उनके साथ थे। ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों ने सामूहिक रूप से रासौं नृत्य का आयोजन किया, जिसे देखकर प्रधानमंत्री मोदी बेहद खुश हुए।