PMO Address Change: भारत की आज़ादी के 78 वर्षों में पहली बार प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का पता बदलने जा रहा है। साउथ ब्लॉक में स्थित ऐतिहासिक PMO जल्द ही सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए एग्ज़ीक्यूटिव एन्क्लेव में स्थानांतरित होगा। यह बदलाव न सिर्फ प्रतीकात्मक है, बल्कि प्रशासनिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जा रहा है।
नया PMO, नया विजन
साउथ ब्लॉक में स्थित वर्तमान प्रधानमंत्री कार्यालय लंबे समय से भारत सरकार की सत्ता का केंद्र रहा है। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसका स्थानांतरण एग्ज़ीक्यूटिव एन्क्लेव में होने जा रहा है, जो कि नए संसद भवन और प्रधानमंत्री आवास के बेहद करीब होगा। इससे प्रधानमंत्री कार्यालय, सचिवालय और आवास के बीच समन्वय और संचालन की गति और प्रभावशीलता बढ़ने की उम्मीद है।
अगस्त या सितंबर से शुरू हो सकती है शिफ्टिंग
सूत्रों के अनुसार, निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत से प्रधानमंत्री कार्यालय का स्थानांतरण शुरू किया जा सकता है। यह शिफ्टिंग नई दिल्ली के शक्ति स्थल के पास स्थित एग्ज़ीक्यूटिव एन्क्लेव में होगी, जहां भविष्य में मंत्रिपरिषद सचिवालय, भारत सरकार के अन्य अहम कार्यालय और पीएम हाउस भी होंगे।
क्यों खास है एग्ज़ीक्यूटिव एन्क्लेव?
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे इस एन्क्लेव में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इसमें उन्नत सुरक्षा प्रणाली, डिजिटल कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन बिल्डिंग फीचर्स शामिल हैं। यह नया परिसर भारत सरकार की “न्यू इंडिया” की सोच और वैश्विक स्तर पर पेश करने योग्य आधुनिकता का प्रतीक है।
प्रशासनिक कामकाज में तेजी
PMO को नए स्थान पर शिफ्ट करने के पीछे बड़ा कारण कार्य दक्षता और समन्वय बढ़ाना है। वर्तमान में, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच दूरी और फिजिकल सेपरेशन की वजह से निर्णय प्रक्रिया में देरी होती है। नया परिसर इन बाधाओं को कम करेगा और डिजिटल एवं फिजिकल इंटीग्रेशन को मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय का यह ऐतिहासिक स्थानांतरण भारत के प्रशासनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। साउथ ब्लॉक से एग्ज़ीक्यूटिव एन्क्लेव तक की यह यात्रा भारत के भविष्य की ओर कदम है — जहां तकनीक, पारदर्शिता और त्वरित निर्णय प्रणाली के साथ एक नया युग शुरू होने वाला है।