Jharkhand Cattle Seizure: झारखंड के गढ़वा जिले में पुलिस ने गुरुवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 200 मवेशियों को जब्त किया। मवेशियों को रखने के लिए आसपास कोई उचित स्थान उपलब्ध नहीं था, इसलिए पुलिस ने थाने के परिसर को अस्थायी तौर पर गौशाला में तब्दील कर दिया। यह कदम मवेशियों की सुरक्षा और उचित देखरेख के लिए उठाया गया। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की रात इन मवेशियों को गढ़वा से करीब 55 किलोमीटर दूर पलामू जिले की एक स्थायी गौशाला भेज दिया गया।
बजरंग दल ने दिया था सूचना, पशु तस्करी का आरोप
इस कार्रवाई के पीछे बजरंग दल के जिला प्रमुख सोनू सिंह का दावा रहा है। उन्होंने पुलिस को पशु तस्करी की जानकारी दी थी, जिसके बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में मवेशी जब्त किए। सोनू सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से मवेशियों की तस्करी छोटे-छोटे समूहों में गढ़वा तक हो रही थी। इस दौरान करीब 250 जानवरों को बचाया गया और तीन लोगों को पकड़ा गया। बजरंग दल का आरोप है कि इस रैकेट के पीछे बड़े लोग भी जुड़े हैं, जो इस अवैध व्यापार को संचालित कर रहे हैं।
पुलिस का पक्ष: वध के कोई सबूत नहीं मिले
हालांकि, गढ़वा के पुलिस SP अमन कुमार ने इस मामले में साफ शब्दों में कहा कि अब तक ऐसी कोई ठोस जानकारी या सबूत नहीं मिले हैं कि मवेशियों को वध के उद्देश्य से ले जाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि लगभग 170 मवेशी हफ्ते में लगने वाले बाजार के लिए गढ़वा लाए गए थे, और मवेशियों का व्यापार यहां आम बात है। SP ने कहा, “यदि मवेशियों को वध के लिए ले जाया जा रहा हो तो इसके ठोस सबूत होने चाहिए। फिलहाल जांच जारी है और हम जो शिकायतें मिलीं, उसी के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं।”
जांच जारी, मामले में गहराई से हो रही पड़ताल
पुलिस ने बताया कि इस मामले में अभी कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि मवेशियों की तस्करी के पीछे कौन-कौन से लोग जुड़े हैं और वे किस मकसद से मवेशियों को गढ़वा ला रहे थे। SP अमन कुमार ने कहा कि पुलिस पूरे मामले की जांच गंभीरता से कर रही है ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके।
स्थानीय और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
बजरंग दल के नेता सोनू सिंह ने आरोप लगाया कि इस अवैध मवेशी तस्करी रैकेट के पीछे कुछ बड़े राजनीतिक और आर्थिक ताकतें हैं जो खुलकर सामने नहीं आ रही हैं। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस मामले की जांच में पूरी पारदर्शिता बरती जाए और अपराधियों को बख्शा न जाए।
गढ़वा में पुलिस द्वारा 200 से अधिक मवेशियों को जब्त कर अस्थायी गौशाला बनाने की कार्रवाई एक गंभीर कदम है, जिससे मवेशी तस्करी की काली कार्रवाई पर अंकुश लग सकता है। हालांकि, पुलिस ने साफ किया है कि अभी तक वध के ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं और जांच जारी है। इस मामले में आगे की जांच से ही पूरे कांड की सच्चाई सामने आएगी। ग्रामीण इलाकों में बढ़ती मवेशी तस्करी के खिलाफ प्रशासन को कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है ताकि पशु संरक्षण के साथ-साथ कानून व्यवस्था भी कायम रहे।
