Political Funding: चुनावी चंदे में भाजपा का दबदबा बरकरार, कांग्रेस के 517 करोड़ के मुकाबले मिला इतना

देश के दो सबसे बड़े राजनीतिक दलों की तिजोरियों का राज खुला: कांग्रेस को मिले 517 करोड़! लेकिन जब सामने आया सत्ताधारी पार्टी भाजपा की फंडिंग का हैरान कर देने वाला आंकड़ा, तो सबके होश उड़ गए - क्या चुनावी माहौल में इतना बड़ा अंतर निष्पक्षता पर सवाल उठाता है?

Chandan Das
Political Funding
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Political Funding: भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) द्वारा हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) को वित्तीय वर्ष 2024-2025 के बीच ₹517 करोड़ से अधिक की राशि मिली है। यह धनराशि चुनावी ट्रस्टों और कॉरपोरेट दानदाताओं से एकत्र की गई है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट ने देश के राजनीतिक दलों को मिलने वाली चंदे की पारदर्शिता को सामने रखा है और इसे सार्वजनिक कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

Political Funding: चुनावी ट्रस्टों से मिली फंडिंग का बड़ा हिस्सा

कांग्रेस को मिलने वाली ₹517 करोड़ की फंडिंग में एक महत्वपूर्ण हिस्सा विभिन्न चुनावी ट्रस्टों से आया है। इन ट्रस्टों के माध्यम से कांग्रेस को ₹313 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। चुनावी ट्रस्ट ऐसे संगठन होते हैं, जो कॉरपोरेट कंपनियों और अन्य संस्थाओं से दान एकत्र कर राजनीतिक दलों को वितरित करते हैं। इस प्रकार की फंडिंग को लेकर अक्सर यह सवाल उठते हैं कि इसके वास्तविक स्रोत कौन से हैं और क्या इसके पीछे किसी विशेष राजनीतिक उद्देश्य को बढ़ावा देने की कोशिश होती है।

Political Funding: कांग्रेस को प्रमुख कॉर्पोरेट समूहों से चंदा

चुनाव आयोग द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, कांग्रेस पार्टी को चंदा देने वाले प्रमुख कॉरपोरेट समूहों में आईटीसी लिमिटेड (ITC Limited), हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Limited), और सेंचुरी प्लाइवुड्स (Century Plywoods) जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी व्यक्तिगत रूप से ₹3 करोड़ का योगदान किया। इन योगदानों से पार्टी को चुनावी गतिविधियों और संगठनात्मक कार्यों को संचालित करने में मदद मिलती है।

भारी चंदे से वित्तीय मजबूती हासिल करने वाली बीजेपी

चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को इस दौरान सबसे बड़ी राशि मिली है। बीजेपी ने चुनावी ट्रस्टों से ₹959 करोड़ प्राप्त किए हैं, जो कांग्रेस को मिली फंडिंग से दोगुना है। यह आंकड़ा भारतीय राजनीति में बीजेपी की वित्तीय स्थिति की मजबूती को दर्शाता है। चुनावी ट्रस्टों के जरिए प्राप्त इस फंडिंग का प्रयोग पार्टी अपनी चुनावी रणनीतियों को सशक्त बनाने और प्रचार-प्रसार के लिए करती है।

टीएमसी को भी मिली बड़ी फंडिंग

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को भी वित्तीय वर्ष 2024-2025 के दौरान ₹184.5 करोड़ का चंदा प्राप्त हुआ। इसमें से ₹153.5 करोड़ चुनावी ट्रस्टों से आए हैं। यह टीएमसी के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय आधार है, जो पार्टी के चुनावी प्रयासों और संगठनात्मक गतिविधियों को सहायता प्रदान करता है।

चुनाव आयोग की यह रिपोर्ट राजनीतिक पारदर्शिता के लिहाज से एक बड़ा कदम है। इससे मतदाताओं को यह समझने में मदद मिलती है कि राजनीतिक दलों को किससे और कैसे चंदा मिल रहा है। हालांकि, चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से फंडिंग प्राप्त करना एक कानूनी प्रक्रिया है, लेकिन इसके जरिए दान देने वालों और राजनीतिक दलों के बीच संभावित रिश्तों पर सवाल उठते रहते हैं। रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाता है कि देश के प्रमुख दलों को चुनावी लड़ाई में बड़ी शक्ति और संसाधन चुनावी ट्रस्टों और कॉरपोरेट दानदाताओं से मिल रहे हैं, जो उनकी चुनावी स्थिति को प्रभावी बनाते हैं।

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