Zubeen Garg Death: मशहूर गायक जुबिन गर्ग की सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान मौत ने पूरे देश, खासकर असम को झकझोर कर रख दिया है। अब इस मामले में असम सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पूर्वोत्तर भारत महोत्सव के आयोजक श्यामकानु महंत और जुबिन के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि ये दोनों व्यक्ति अब किसी भी हवाई अड्डे, बंदरगाह या सीमा मार्ग से देश छोड़कर नहीं जा सकेंगे। उन्हें 6 अक्टूबर को गुवाहाटी पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराना होगा।सीएम सरमा ने कहा कि दुर्गा पूजा के मद्देनजर सरकार नहीं चाहती कि श्यामकानु और सिद्धार्थ अभी आएं, लेकिन दशमी के बाद उनकी पेशी अनिवार्य है। यदि वे अपराध जांच विभाग (CID) के सामने पेश नहीं होना चाहते तो उन्हें कोर्ट का रुख करना होगा।
बैंक खाते और कार्ड किए गए फ्रीज
सरमा ने यह भी खुलासा किया कि श्यामकानु महंत के बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड का लेन-देन रोक दिया गया है, ताकि वे लंबे समय तक देश से बाहर न रह सकें। सरकार की कोशिश है कि मामले में किसी भी तरह की देरी या लीपापोती न हो।मुख्यमंत्री ने बताया कि सिंगापुर में हुए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है, वहीं गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में हुआ दूसरा पोस्टमार्टम भी पूरा हो चुका है। जांच में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर न्यायिक आयोग गठित करने का अनुरोध किया गया है।
CBI जांच की संभावना भी खुली
सीएम सरमा ने कहा, “मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की है और कहा है कि यदि राज्य पुलिस की जांच में कोई कमी नजर आती है, तो हम यह मामला CBI को सौंप देंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जुबिन गर्ग की मौत पर राजनीति नहीं होने दी जाएगी और इसे बहाना बनाकर सरकार विरोधी माहौल नहीं बनने दिया जाएगा।
जुबिन की मौत: एक दुखद और रहस्यमयी घटना
बता दें कि 19 सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान समुद्र में डूबने से जुबिन गर्ग की मौत हो गई थी। वे वहां पूर्वोत्तर भारत महोत्सव में भाग लेने गए थे। उनकी मृत्यु ने ना सिर्फ असम बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ा दी थी।
गायक जुबिन गर्ग की असामयिक मौत अब केवल एक व्यक्तिगत क्षति नहीं, बल्कि एक संवेदनशील कानूनी और राजनीतिक मुद्दा बनती जा रही है। सरकार की कोशिश है कि इस मामले की जांच न्यायपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष हो, ताकि सच सामने आ सके और दोषियों को सज़ा मिले।
