प्राण प्रतिष्ठा पर सियासत जारी! PM मोदी के बाद उद्धव ठाकरे भी करेंगे 22 जनवरी को कालाराम मंदिर में दर्शन

Mona Jha

Ayodhya News : 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सियासी बयानबाजी लगातार जारी है.विपक्ष इस बात को बार-बार दोहरा रहा है कि,प्राण प्रतिष्ठा समारोह अब धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक कार्यक्रम हो गया है जिसका फायदा भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में उठाना चाह रही है.वहीं इस बीच अयोध्या में होने वाले इस भव्य कार्यक्रम की तारीख आने से पहले उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि,अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराई जाए क्योंकि ये राष्ट्र के गौरव और देश के स्वाभीमान का मामला है।

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22 जनवरी को उद्धव ठाकरे गोदावरी नदी के तट पर करेंगे आरती

शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि,22 जनवरी को वो नासिक स्थित कालाराम मंदिर में दर्शन करेंगे और गोदावरी नदी के तट पर आरती करेंगे.जिसमें वो चाहते हैं कि,राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी उपस्थित हों.उद्धव ठाकरे ने बताया कि,राम मंदिर का निर्माण उनके पिता बाला साहेब ठाकरे का सपना था।उद्धव ठाकरे ने आगे बताया कि,गुजरात में सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद औपचारिक पुनरूद्धार समारोह देश के पहले राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने किया था.उन्होंने बताया 1992 में कार सेवा का हिस्सा रहे शिवसैनिकों को 22 जनवरी को नासिक में सम्मानित किया जाएगा।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मिला प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण

राम मंदिर ट्रस्ट के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर उन्हें 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण दिया.इस प्रतिनिधिमंडल में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार,राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता रामलाल और राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा भी शामिल रहे।

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उद्धव ठाकरे राष्ट्रपति को करेंगे आमंत्रित

ठाकरे ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सिर्फ राम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा नहीं है, बल्कि राष्ट्र की प्राण प्रतिष्ठा है. ये देश की अस्मिता की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव है.हम मांग कर रहे हैं कि,हम कालाराम मंदिर में जो आरती करने जा रहे हैं, उस समय वहां राष्ट्रपति भी मौजूद रहें. हम नासिक में कालाराम मंदिर जाएंगे जहां एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा….कार्यक्रम में हम राष्ट्रपति को भी औपचारिक रूप से आमंत्रित कर रहे हैं. हमारे सांसद उन्हें विधिवत आमंत्रित करेंगे।

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